भारत में आधार कार्ड तो नेपाल में क्या व्यवस्था, पड़ोसी हिंदू राष्ट्र में नागरिकता और पहचान पर क्या है नीति?
नेपाल का राष्ट्रीय पहचान पत्र यानि कि NID नेपाल सरकार द्वारा जारी किया गया एक बायोमेट्रिक-आधारित स्मार्ट कार्ड है.
इसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत और जनसांख्यिकीय जानकारी के साथ-साथ उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन और चेहरे की पहचान जैसी बायोमेट्रिक जानकारी भी शामिल होती है.
पारंपरिक नागरिकता प्रमाण पत्र, जो कागज पर आधारित होता है, उसके विपरीत, एनआईडी एक स्मार्ट कार्ड है, जिसमें सुरक्षित डिजिटल सत्यापन के लिए एक माइक्रोचिप लगी होती है.
यह नेपाल में विभिन्न सेवाओं जैसे कि सरकारी, प्राइवेट, बैंक खाता खोलने, पासपोर्ट के लिए आवेदन, अचल संपत्ति का लेन-देन और सामाजिक सुरक्षा के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
नेपाल में नागरिकता नीति की बात करें तो वहां पर नागरिकता तीन तरीकों से दी जाती है, पहला होता है वंश के आधार पर, दूसरा है प्राकृतिककरण द्वारा और तीसरा है विशेष परिस्थितियों में नागरिकता दी जाती है.
नेपाल में एकल संघीय नागरिकता प्रणाली लागू होती है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति को सिर्फ एक ही नागरिकता मिलती है. नेपाल ने हाल ही में एक नागरिकता संशोधन विधायक पारित किया है, जो कि महिलाओं को अपनी माता के नाम से नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देता है, भले ही पिता की पहचान न हों.
नेपाल में अनिवासी नेपालियों को भी नागरिकता लेने का अधिकार होता है, लेकिन उनको कुछ विशेष अधिकार प्राप्त नहीं होते हैं, जैसे कि वोटिंग करने या सार्वजनिक पद धारण करने का अधिकार नहीं होता है.