Circadian Rhythm: दिन है या रात...हमारे शरीर को कैसे पता चलता है, क्या बॉडी के अंदर भी होती है कोई घड़ी?
हमारा शरीर पूरा दिन एक मशीन की तरह से काम करता है और एक वक्त पर इसको आराम करने की जरूरत होती है. बिल्कुल उसी तरह से जैसे कोई काम करती है और एक वक्त पर उसको बंद करना पड़ेगा, नहीं तो उसमें गड़बड़ी आ जाएगी.
ये शरीर भी वैसा ही है. हमारी बॉडी में एक सरकेडियन रिदम नाम से एक प्रक्रिया काम करती है. सरकेडियन एक लैटिन फ्रेड सरका डायम से मिलकर बना है, जिसका मतलब होता है पूरे दिनभर में.
सरकेडियन रिदम 24 घंटे चलने वाले बॉडी क्लॉक को मैनेज करता है और दिन व रात होने पर आपके सोने और जागने का ध्यान रखता है.
प्रॉपर सरकेडियन रिदम से आपके दिमाग को पूरा समय अलर्ट रहने में मदद मिलती है. यही वजह है कि आप दिन भर में फुर्ती से काम कर पाते हैं.
जब इससे जुड़े हार्मोन शरीर में रात में बढ़ने लगते हैं तो हमें थकान और आराम की जरूरत महसूस होने लगती है, इससे बॉडी को पता चल जाता है कि अब रात हो गई है.
वहीं दिन के वक्त जब ये कम होने लगता है तो बॉडी को संकेत मिलता है कि अब दिन हो रहा है और जागने का वक्त हो गया है. अगर आपके सरकेडियन रिदम में गड़बड़ी होती है तो आपका पूरा बॉडी क्लॉक गड़बड़ हो जाता है.
अगर सरकेडियन रिदम में गड़बड़ी होती है तो स्लीपिंग साइकल बिगड़ता है और ये आपके दिमाग पर गहरा असर डालता है.
सरकेडियन रिदम का असर आपके मूड पर भी होता है. इसमें डिस्टर्ब होने पर आपके शरीर में नेगेटिविटी और चिड़चिड़ापन आने लगता है.