East India Company: आज क्या काम करती है ईस्ट इंडिया कंपनी, एक महीने में कितनी करती है कमाई?
1857 की बगावत के बाद ब्रिटिश क्राउन ने कंपनी से उसकी ताकत ही छीन ली और उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया. 2010 में संजीव मेहता ने पूरे अधिकार लेकर कंपनी को फिर से शुरू किया.
मॉडर्न ईस्ट इंडिया कंपनी पूरी तरह से हाई एंड कंज्यूमर गुड्स पर फोकस करती है. ट्रेड रूट को कंट्रोल करने के बजाय यह अब एलिट ग्लोबल खरीदारों के लिए लग्जरी चाय, कॉफी, चॉकलेट, बिस्किट, मसाले और बाकी लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स बेचती है.
लंदन में हेड क्वार्टर वाला मेफेयर में इसका फ्लैगशिप स्टोर एक प्रीमियम इंटरनेशनल ब्रांड के तौर पर इसे स्थापित कर चुका है. ब्रिटिश रिटेल कल्चर में होने के बावजूद अब इसकी पहचान एक इंडियन एंटरप्रेन्योर ने बना दी है.
कंपनी को खरीदने वाले इंडियन मूल के बिजनेसमैन संजीव मेहता इसे साम्राज्य का पलटवार कहते हैं. पहले जो कंपनी भारत पर राज करती थी अब उसका मालिक एक भारतीय मूल का व्यक्ति है.
एक खास लग्जरी ब्रांड होने की वजह से ग्लोबल कॉरपोरेशन की तुलना में इसकी कमाई कम है. इसका मुख्य रूप से रेवेन्यू प्रीमियम फूड और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट से आता है.
कंपनी प्राइवेट है इसलिए उसे कमाई बताने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब है कि पब्लिकली लिस्टेड मल्टीनेशनल के उलट इस कंपनी के महीने की कमाई के आंकड़े मौजूद नहीं है.