24 घंटे बिना खाए पिए रहने से इंसान के शरीर में क्या होते हैं बदलाव, क्या कहता है शरीर का साइंस?
खाने से मिलने वाली ऊर्जा जब शरीर को नहीं मिलती, तो ब्लड शुगर यानी ग्लूकोज स्तर गिरने लगता है. इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं. इस स्थिति में इंसान कमजोरी, चक्कर, सिरदर्द और थकान महसूस करता है.
पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन शुरू हो जाता है. डिहाइड्रेशन का पहला संकेत है मुंह सूखना, पेशाब का रंग गहरा होना और थकान. गंभीर स्थिति में चक्कर, दिल की तेज धड़कन और पेशाब की कमी भी हो सकती है.
24 घंटे का फास्टिंग शरीर को इंसुलिन स्तर कम करने और फैट बर्न करने के लिए प्रेरित करता है. शरीर ग्लूकोज की कमी महसूस करता है और फैट को ऊर्जा के लिए तोड़ने लगता है.
यही कारण है कि कुछ लोग वजन घटाने के लिए शॉर्ट-टर्म फास्टिंग अपनाते हैं. खाने और पानी की कमी से कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं.
इससे शरीर सतर्क हो जाता है और मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है. हालांकि लंबे समय तक यह हार्मोन बढ़ा रहना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.
खाली पेट रहने पर मस्तिष्क में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है. सिरदर्द, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स भी आम हैं. लेकिन कुछ रिसर्च के अनुसार हल्की फास्टिंग ब्रेन को स्टिम्युलेट कर सकता है और मानसिक सतर्कता बढ़ा सकती है.
24 घंटे का शॉर्ट-टर्म फास्टिंग आम तौर पर इम्यून सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन अगर लगातार पानी न पिएं या बार-बार लंबे समय तक फास्टिंग करें तो शरीर कमजोर पड़ सकता है.