क्या होगा अगर पहाड़ों पर बंद हो जाए बर्फबारी, मैदानी इलाकों में कैसा होगा असर?
पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग भले ही बर्फबारी से परेशान हो जाते हों, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर वहां बर्फ नहीं गिरेगी तो मैदानी इलाकों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
अगर पहाड़ों पर बर्फ न हो तो धरती सूर्य की ऊर्जा को लगभग चार से छह गुना ज्यादा अवशोषित करती है. अगर पहाड़ों पर बर्फ गिरना बंद हो जाए तो ग्लेशियर का पिघलना, गंभीर जल संकट और पारिस्थितिक तंत्र पर इसका असर होता है.
पहाड़ों की बर्फ पिघलकर नदियों में पानी सा स्रोत बनती है, जो कि खेती और पीने के पानी के लिए बहुत जरूरी है. बर्फबारी बंद होने से नदियां सूख सकती हैं.
अगर बर्फबारी बंद हो जाए तो ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगेंगे, जिससे कि समुद्र का जलस्तर बढ़ सकता है और तटीय इलाकों में बाढ़ की संभावना रहती है.
बर्फ गिरने से पारिस्थितिक तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है और कई जानवरों के मरने का खतरा बढ़ जाएगा.
इससे तापमान में बढ़ोतरी होना या फिर अनियमित बारिश जैसी संभावनाएं उत्पन्न हो सकती हैं.
बर्फबारी के बंद होने से भले ही हिमस्खलन का खतरा कम हो सकता है, लेकिन बर्फ के सिर्फ पिघलते रहने से भी खतरा बढ़ जाता है.