रोज सुबह नाश्ते में खाते हैं ब्रेड, लेकिन क्या जानते हैं कि उसपर क्यों बने होते हैं छेद?
ब्रेड पर छेदों के निर्माण ब्रेड बनाने की प्रक्रिया के दौरान होता है. यह प्रक्रिया खमीर के कारण होती है. खमीर एक सूक्ष्म जीव है जो आटे में मौजूद शर्करा को खाकर कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ता है.
यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस आटे में छोटे-छोटे बुलबुले बनाती है. जब आटे को ओवन में बेक किया जाता है तो ये बुलबुले फूल जाते हैं और ब्रेड में छेद बन जाते हैं.
बता दें ब्रेड में ग्लूटेन नामक एक प्रोटीन होता है. ग्लूटेन आटे को लोचदार बनाता है और कार्बन डाइऑक्साइड गैस को अपने अंदर रोकने में मदद करता है. जब आटा गूंधा जाता है तो ग्लूटेन के तंतु एक जाल जैसी संरचना बनाते हैं.
यह जाल कार्बन डाइऑक्साइड गैस को फंसा लेता है और बुलबुले बनाता है. जब ब्रेड को बेक किया जाता है तो ये बुलबुले फूल जाते हैं और ब्रेड में छेद बन जाते हैं.
इसके अलावा भी ब्रेड में छेदों का आकार और संख्या कई कारकों पर निर्भर करता है. जैसे खमीर की मात्रा जितनी अधिक होगी, उतने ही अधिक छेद होंगे. इसके अलावा आटे को जितना अधिक गूंधा जाएगा, उतने ही मजबूत ग्लूटेन के तंतु बनेंगे और छेद उतने ही बड़े होंगे. साथ ही बेकिंग का तापमान और समय भी छेदों के आकार और संख्या को प्रभावित करता है.