बीच समंदर में सुनामी आने के बावजूद क्यों नहीं डूबते शिप और क्रूज, कब होता है सबसे ज्यादा डूबने का खतरा?
सुनामी के बीच में शिप और क्रूज पर बैठे लोग कब बच सकते हैं और कब डूब जाएंगे, इसके पीछे पूरा विज्ञान काम करता है. आमतौर पर अगर कोई बीच समंदर में शिप पर हो तो लोगों को लगता है कि वे बुरी तरह से फंसे हैं.
लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि वो शिप या क्रूज की लोकेशन पर निर्भर करता है कि वो डूबेगा या बचेगा. जरूरी नहीं है कि कोई शिप बीच समुद्र में डूब ही जाए.
अगर जहाज गहरे समुद्र यानि कि किनारों से ज्यादा दूरी पर है, तो सुनामी में उसके डूबने का खतरा न के बराबर होता है. समुद्र में सुनामी की लहरें सैकड़ों मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है.
सुनामी की लहरों की ऊंचाई 1 से दो मीटर या फिर उससे ज्यादा भी हो सकती है. बड़े जहाजों को बनाया ही इस तरीके से जाता है कि वो समुद्र की इतनी ऊंची लहरों को झेल सकते हैं.
वहीं कार्गो शिप या फिर बड़े-बड़े क्रूज का वजन बहुत ज्यादा होता है. इस तरीके के जहाजों को लहरें हिला जरूर सकती हैं, लेकिन उसे डुबोना बहुत मुश्किल होता है.
जहाजों के लिए सुनामी उस वक्त सबसे ज्यादा खतरनाक हो जाती है, जब वे किनारों पर आते हैं. क्योंकि किनारों पर लहरों की ऊंचाई 10 से 30 मीटर तक उठती है.
ऐसे में सुनामी की तेज लहर उसे टक्कर मारकर गिरा सकती है. इसीलिए जब जहाज समुद्र के बीच में होते हैं तो उनके डूबने का खतरा किनारों की अपेक्षा कम ही रहता है.