बंदरों की तरह पेड़ों पर रहता है ये मेंढ़क, जानिए इसकी खासियत
मेंढक की कई प्रजातियां बहुत ही अनोखी होती हैं. इनमें से एक मंकी फ्रॉग यानी बंदर मेंढक लीफ या ट्री फ्रॉग के वंश के होते हैं. हालांकि ये मेढ़क हर जगह नहीं पाए जाते हैं. अभी ये दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं.
आपने देखा होगा कि अक्सर मेढ़क पानी में रहना पसंद करते हैं. लेकिन हम आज हम आपको जिस मेढक के बारे में बताने वाले हैं, ये वैक्सी मंकी ट्री मेंढक पेड़ों पर रहता है और कीड़े खाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका खुद को वातावरण के अनुकूल ढालने की क्षमता को बताया जाता है. इनमें से दो तिहाई की चमड़ी चमकते हुए मोम की होती है.
वहीं वैक्सी मंकी ट्री फ्रॉग नमी की गैरमौजूदगी में लंबे समय तक पानी को अपने अंदर रोके रख पाते हैं. यही कारण है कि यह धूप में लंबे समय तक बिना सूखे रह पाता है.
मेंढक की चमड़ी पर लगे पदार्थ जहरीले हो सकते हैं. कहा जाता है कि वैक्सी मंकी ट्री फ्रॉग की चमड़ी के पदार्थ ऐसे जहरीले होते हैं कि उससे हैपिटाइटिस हो सकता है. इसके अलावा वे बहुत से अंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जबकि कई जगहों पर इसके हर्बल दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
बता दें कि वैक्सी मंकी ट्री फ्रॉग के नाम में मंकी होने की भी एक वजह है. ये इस तरह से बैठते हैं कि ऐसा लगता है कि कोई बंदर बैठा हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे उनके जमीन या बैठने वाली जगह से कम से कम संपर्क होता है, जिससे उनके चमड़ी के पदार्थ चिपके रहते हैं.