ये है दुनिया का वो पक्षी, जो हवा में ही खाता है, वहां ही सोता है, साल में एक बार जमीन पर आता है!
बता दें कि हरियल का वैज्ञानिक नाम Treron Phoenicoptera है. भारत के अलावा हरियल पक्षी पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बर्मा, चीन आदि देशो में भी पाए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक ये पक्षी बहुत ज्यादा शर्मीला होता है. इसी कारण ये इंसानों से दूर ही रहना पसंद करता है. लोगों के आते ही यह बिल्कुल शांत हो जाते हैं और खुद को पत्तों में छुपा लेते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक हरियल की उम्र करीब 26 वर्षों तक होती है. कुछ मामलों में इससे ज्यादा भी ये पक्षी जीते हैं. वहीं तीन सेंटीमीटर लंबा ये पक्षी आपको पेड़ के सबसे ऊपरी भाग पर बैठा नजर आ जाएगा. ये शाकाहारी पक्षी हो फल, पौधों के अंकुर और ताजे खिले फूलों को खाते हैं. ये अनाज खाना कम ही पसंद करता है.
हरियल को देखने के बाद आप कहेंगे कि इसकी शक्ल तो कबूतर जैसी है. इसे अंग्रेजी में ग्रीन पिजन कहते हैं यानी हरा कबूतर कहा जाता है. इसका रंग स्लेटी और हरे रंग से मिला होता है और पीले रंग की धारियां बनी होती हैं. इस पक्षी की आंखों का रंग नीला होता है, जिसके चारों ओर गुलाबी घेरा होता है.
हरियल को जमीन पर आना पसंद नहीं, इसलिए अपना सारा जीवन ये पेड़ों पर ही बिता देता है. हारिल जब कभी जमीन पर आता है तो अपने पैरों में एक लड़की रखता है और जमीन पर आता है तो उस लकड़ी पर बैठ जाता है.
सबसे खास बात ये है कि ये पक्षी अपना शिकार नहीं होने देता है. क्योंकि शिकारी की आहट सुनकर ये पक्षी मरने का अच्छा नाटक कर लेता है. इसके जमीन पर न उतरने की दो वजह है. एक तो यह ताजा फूल, फल, कलियां और पत्ते खाता है, जिसके कारण पानी की कम जरूरत पड़ती है. यह पत्तों पर जमी ओस की बूंदों से ही प्यास बुझा लेते हैं. दूसरा संकोची स्वभाव का होने के कारण इंसान और दूसरे परजीवों के सामने ठहरना पसंद नहीं करते है.