अमेरिकी डॉलर से तीन गुनी है इस देश के पैसे की वैल्यू, फिर भी क्यों नहीं माना जाता सबसे ताकतवर?
दुनिया के अलग-अलग देशों की करेंसी की वैल्यू की अलग-अलग होती है. दुनिया के ज्यादातर देशों की करेंसी की वैल्यू अमेरिकी डाॅलर के मुकाबले कंपेयर की जाती है. भारतीय रुपया डाॅलर के मुकाबले बात करें तो एक डाॅलर 87.15 भारतीय रुपयों के बराबर है.
दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली करेंसी अमेरिकी डाॅलर है. लेकिन एक देश ऐसा भी है जिसकी करेंसी अमेरिकी डाॅलर से भी तीन गुना ज्यादा कीमत वाली करेंसी है. लेकिन बावजूद इसके यह देश सबसे ताकतवर नहीं है.
आपको बता दें कुवैत का दीनार अमेरिकी डाॅलर के मुकाबले तीन गुना ज्यादा महंगा है. एक कुवैती दीनार की कीमत 3.25 अमेरिकी डाॅलर है. यानी की कुवैती दीनार के आगे अमेरिकी डाॅलर काफी कमजोर है.
कई लोगों के मन में सवाल आता है कि कुवैती दीनार अमेरिकी डाॅलर के मुकाबले 3 गुना ज्यादा महंगा होने के बावजूद भी दुनिया कुवैत दुनिया का सबसे ताकतवर देश क्यों नहीं है. तो आपको बता दें इसके लिए कई पहलू देखे जाते हैं.
अमेरिका की जीडीपी दुनिया में सबसे बड़ी है. वहीं कुवैत की बात की जाए तो यह काफी छोटी है. इसके अलावा बात की जाए तो कुवैती दीनार कुछ ही क्षेत्र में इस्तेमाल होता है. वहीं अमेरिकी डाॅलर वैश्विक करेंसी है.
अमेरिकी का डॉलर दुनिया भर की रिज़र्व करेंसी है. और पूरी दुनिया भर के बाकी देशों के विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा डॉलर में रखते हैं. यही कारण है कि कुवैती दीनार डाॅलर के मुकाबले मजबूत होने के बाद भी ताकतवर देश नहीं है.