India UNESCO Festivals: यूनेस्को की सूची में कैसे शामिल होता है कोई त्योहार, अब तक कौन-कौन से फेस्टिवल इस लिस्ट में?
त्योहारों को सरकार संस्कृति मंत्रालय के जरिए से नामित करती है. इसके बाद यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के लिए अंतर सरकारी समिति उनकी समीक्षा करती है. यदि विरासत अमूर्त मानदंडों को पूरा करती है और समुदाय में उनकी मान्यता होती है तो उन्हें शामिल कर लिया जाता है.
पूरी दुनिया में तीर्थ यात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा माने जाने वाले कुंभ कोई यूनेस्को ने पवित्र कलश का त्यौहार बताया है. इसे भी लिस्ट में शामिल किया गया है.
कोलकाता और बाकी क्षेत्र में मनाया जाने वाला दुर्गा पूजा का त्यौहार अपनी भव्य सजावट, रीति रिवाज और सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए मशहूर है. अपने सामाजिक और कलात्मक मूल्यों के लिए यूनेस्को द्वारा इसे मान्यता प्राप्त है.
भारत के साथ कई देशों में मनाया जाने वाला पारसी नव वर्ष नवरोज अपने परंपराओं के लिए काफी ज्यादा मशहूर है. इसे भी यूनेस्को द्वारा मान्यता दी गई है.
गुजरात से शुरू हुआ नवरात्रि का नृत्य त्योहार गरबा, महिला शक्ति और सामुदायिक भागीदारी के साथ खूबसूरत जश्न मनाता है. इसे भी यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है.
यूनेस्को की सूची में शामिल होने से न केवल आने वाली पीढ़ियों के लिए त्योहारों की परंपरा बची रहती है बल्कि पूरी दुनिया में उनकी पहचान भी बढ़ती है. यह संस्कृतिक प्रमाणिकता का सम्मान करते हुए पर्यटन को भी बढ़ावा देती है.