सर्दियां आते ही ये जानवर बदल लेते हैं अपना रंग, जानिए इसके पीछे की साइंस
सर्दियों में रंग बदलने वाले ये सभी जीव उत्तरी ध्रुव में रहते हैं. ये इलाका धरती का सबसे ठंडा इलाका माना जाता है. यही वजह है कि यहां रहने वाले जानवर सर्दियों में यहां जीने के लिए एक अलग तरह का काम करते हैं.
दरअसल, सर्दियों में शिकारियों से और बेहद ठंड से बचने के लिए ये जीव अपना रंग बदल लेते हैं. यानी गर्मियों में ये किसी और रंग के होते हैं, लेकिन सर्दियों में बिल्कुल सफेद रंग के हो जाते हैं.
इनमें पहले नंबर पर है टार्मगन यानी तीतर, जिसे कुछ लोग चकोर के नाम से भी जानते हैं. गर्मियों में इनका रंग कत्थई यानी थोड़ा भूरा होता है. लेकिन सर्दियां आते ही ये सफेद रंग के हो जाते हैं. ऐसा ये इसलिए करते हैं ताकि बर्फ की सफेद चादर में खुद को छिपा लें और शिकारियों से बचे रहें.
छोटी सी आर्कटिक लोमड़ी भी ऐसा ही करती है. इस क्षेत्र में पाई जाने वाली लोमड़ी गर्मियों में भूरे रंग की होती है, लेकिन सर्दियां आते ही ये सफेद रंग की हो जाती है. कहा जाता है कि ये लोमड़ी अपना रंग इसलिए बदलती है ताकि वह अपने से बड़े शिकारियों की नजर से बची रहे और अपने से छोटे जीवों के नजर में आए बिना उनका शिकार कर सके. साफ शब्दों में कहें तो एक तीर से दो निशाने साधने का काम ये लोमड़ी करती है.
आर्कटिक खरगोश और साइबेरियन हम्सटर भी ऐसा ही करते हैं. गर्मियों में ये भूरे रंग के होते हैं, लेकिन सर्दियां आते ही ये सफेद रंग में बदल जाते हैं.
कहा जाता है कि इनके शरीर का रंग इसलिए बदल जाता है क्योंकि इन्हें दिन में इतनी ज्यादा धूप नहीं मिलती, जितनी इन्हें चाहिए होती है.