सामने आई मंगल ग्रह की असली सच्चाई, 7 तस्वीरों में मिलेगी पूरी जानकारी
सबसे पहले मंगल ग्रह की मिट्टी के बारे में बात करते हैं. तो आपको बता दें मंगल को लाल ग्रह इसलिए कहते हैं क्योंकि मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी स्पेस से लाल दिखती है.
अब मंगल के चांद के बारे में बात करते हैं. आपतो बता दें, मंगल ग्रह के दो चंद्रमा हैं. इन दोनों के नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं. फ़ोबोस की बात करें तो वो डेमोस से थोड़ा बड़ा है. सबसे बड़ी बात कि फ़ोबोस मंगल ग्रह की सतह से सिर्फ़ 6 हज़ार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है.
आपको बता दें, मंगल ग्रह का एक दिन 24 घंटे से थोड़ा ज़्यादा बड़ा होता है. मंगल ग्रह सूरज की एक परिक्रमा धरती के 687 दिन में करता है. सीधी भाषा में कहें तो मंगल का एक साल धरती के 23 महीने के बराबर होगा.
आपको जानकर हैरानी होगी कि मंगल और धरती करीब दो साल में एक दूसरे के सबसे करीब होते हैं. इस दौरान दोनों के बीच की दूरी सिर्फ़ 5 करोड़ 60 लाख किलोमीटर होती है.
वहीं मंगल ग्रह पर पानी की बात करें तो मंगल पर पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुवों पर मिलता है. इसे लेकर कल्पना किया जाता है कि ये नमकीन पानी होगा जो मंगल के दूसरे इलाकों में बहता है.
कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल पर करीब साढ़े तीन अरब साल पहले एक भयंकर बाढ़ आई थी. लेकिन ये कोई नहीं जानता कि इस बाढ़ का पानी कहां से आया था और कितने समय तक रहा और कहां चला गया.