इस समुद्र में जिंदगी का नामो-निशान नहीं, फिर भी दुनिया क्यों है इसकी मुरीद?
दुनिया में कई प्राकृतिक चमत्कार हैं, लेकिन मृत सागर अपने आप में सबसे अनोखा है. इजरायल और जॉर्डन के बीच बसा यह सागर धरती की सबसे निचली सतह पर स्थित है. इसकी गहराई और खारेपन की वजह से इसमें कोई जीव-जंतु या पौधा जीवित नहीं रह सकता है.
मृत सागर का पानी सामान्य समुद्रों से लगभग 10 गुना अधिक खारा है. यही कारण है कि यहां कोई मछली तैरती नहीं और पौधे उगते नहीं.
इस सागर की सबसे दिलचस्प खासियत यह है कि अगर कोई इसमें उतरता है, तो वह डूबता नहीं, बल्कि पानी की सतह पर अपने आप तैरता रहता है. जैसे पानी नहीं बल्कि नमक की झील हो.
इसकी यह अद्भुत विशेषता विश्वभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. मृत सागर सिर्फ खारा पानी ही नहीं देता, बल्कि इसके आस-पास की मिट्टी और कीचड़ भी बेहद प्रसिद्ध हैं. यहां की मिट्टी और खनिज तत्वों से बने फेस मास्क और स्किन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है.
त्वचा को निखारने और स्वास्थ्य लाभ देने वाले तत्व इसी कीचड़ और पानी में पाए जाते हैं. यही कारण है कि कई लोग यहां सिर्फ घूमने ही नहीं, बल्कि सौंदर्य और स्वास्थ्य लाभ के लिए भी आते हैं.
सागर के आसपास का वातावरण भी थोड़ा अलग है. यहां हवा में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य से अधिक होती है, जिससे सांस लेना आसान और ताजगी भरा लगता है. यही कारण है कि बहुत से लोग यहां छुट्टियां बिताने आते हैं.
मृत सागर अपने आप में प्राकृतिक चिकित्सालय और पर्यटन स्थल दोनों है. लेकिन यह चमत्कार हमेशा के लिए नहीं रहेगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक, मृत सागर धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है. नदियों का पानी, जो इसे भरता है, इंसानों द्वारा खेतों और शहरों के लिए उपयोग किया जा रहा है.
इससे हर साल इसका जल स्तर कम होता जा रहा है. अगर यह प्रक्रिया जारी रही, तो भविष्य में यह सागर केवल इतिहास में ही रहेगा. दुनिया को यह सागर न सिर्फ अपनी रहस्यमयी और अद्भुत विशेषताओं के लिए आकर्षित करता है, बल्कि यह प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण संरक्षण का भी सबक देता है.