✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

कितना खतरनाक है अंतरिक्ष, वहां रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को क्या-क्या होती हैं दिक्कतें?

एबीपी लाइव   |  13 Oct 2024 12:52 PM (IST)
1

अंतरिक्ष में अंतरिक्ष की शून्यता, माइक्रोग्रैविटी और रेडिएशन की वजह से एस्ट्रोनॉट्स को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. जिससे एस्ट्रोनॉट्स के शरीर में काफी परेशानियां पैदा होती है. तो इसके अलावा उनका स्पेसशूट भी प्रभावित होता है.

2

अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी की वजह से एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है. माइक्रोग्रैविटी के कारण एस्ट्रोनॉट्स की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, और बोन डेनसिटी घटने लगती है. लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं.

3

पृथ्वी पर ग्रेविटी होती है इस वजह से शरीर के बॉडी फ़्लूइड नार्मली काम करते हैं. लेकिन क्योंकि अंतरिक्ष में ग्रेविटी नहीं होती. इस वजह से बॉडी फ़्लूइड ऊपर की ओर आने लगते हैं. और इस वजह से चेहरे पर सूजन और आंखों में प्रेशर बढ़ जाता है. जिससे आंखों को देखने में परेशानी हो सकती है.

4

अंतरिक्ष में पृथ्वी के एटमॉस्फेयर और मैग्नेटोस्फीयर की सुरक्षा नहीं होती है. जिससे एस्ट्रोनॉट्स को खतरनाक कॉस्मिक किरणें और सोलर फ्लेयर्स का सामना करना पड़ता है. इन कारणों से रेडिएशन कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है.

5

शारीरिक परेशानियों के अलावा एस्ट्रोनॉट्स को कई तरह के मानसिक चैलेंज से भी जूझना पड़ता है. काफी समय तक अंतरिक्ष में रहने से मानसिक तनाव, अकेलापन, और डिप्रेशन जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती है. बहुत से अंतरिक्ष मिशन में कई बार एस्ट्रोनॉट्स को काफी देर तक अपने परिवार और दोस्तों से दूर रहना पड़ जाता है.

6

अंतरिक्ष में 24 घंटे की प्राकृतिक दिन-रात नहीं होती. जिससे एस्ट्रोनॉट्स की नींद की क्वालिटी काफी प्रभावित होती है. जिसके चलते उन्हें उन्हें स्लीप डिसऑर्डर का भी सामना करना पड़ता है. अंतरिक्ष यान में जगह सीमित होती है. लंबे समय तक एक ही जगह रहने से मानसिक दबाव बढ़ सकता है.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • जनरल नॉलेज
  • कितना खतरनाक है अंतरिक्ष, वहां रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स को क्या-क्या होती हैं दिक्कतें?
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.