कैसे हुआ QR कोड का आविष्कार, आज तक इसे क्यों नहीं किया गया पेटेंट?
लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये QR कोड पहली बार किसने इंवेंट किया? किसे इस कोड को बनाने का आइडिया आया? इस QR कोड में इतनी इन्फॉर्मेशन कैसे स्टोर होती है और इसे अभी तक पेटेंट क्यों नहीं किया गया है? आइए जानते हैं इस बारे में.
QR कोड का इन्वेंशन जापान में TOYOTA कम्पनी की सहायक कंपनी Denso Wave में काम करने वाले एक इंजीनियर मासाहिरो हारा ने किया था. इसका आइडिया उन्हें जापान में खेले जाने वाले फेमस गेम GO से आया था. इस गेम की सफेद गाली गोटियों को देखकर उन्हें QR कोड के पैटर्न नजर आने लगें.
इससे पहले बारकोड का इस्तेमाल किया जाता था, जिसका इन्वेंशन साल 1949 में किया गया था. लेकिन इसकी लिमिटेशन ये थी कि इसमें केवल वर्टिकल लाइंस होने के कारण ये काफी कम इन्फॉर्मेशन स्टोर करता था.
ऐसे में हारा ने एक नया 2D कोड तैयार करने की सोची, जो हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल दोनों तरह की लाइंस में इनफॉर्मेशन स्टोर करेगा और इसमें बारकोड से ज्यादा इनफॉर्मेशन होगी. इसलिए उन्होंने इसे स्क्वेयर शेप दी और इसमें दाएं से बाएं और ऊपर से नीचे की ओर लाइंस का इस्तेमाल किया.
ये QR यानी क्विक रिस्पांस कोड स्कैन करने के साथ ही तुरंत रीड कर लिया जाता है और पेमेंट हो जाती है. ये QR कोड हजारों कैरेक्टर को स्टोर करने की क्षमता रखता है. इस वजह से ये बेहद खास है.
लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब लोग मान गए थे कि QR कोड का दौर खत्म हो चुका है. लेकिन चीन में स्मार्टफोन के बढ़ते यूज ने इसे फिर से रिवाइव कर दिया और इसका इस्तेमाल होने लगा.
साथ ही, इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे आजतक किसी ने पेटेंट नहीं किया है. दरअसल, इसका कारण ये है कि इसके इन्वेंटर चाहते थे कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर सकें. इसलिए उन्होंने इसे पेटेंट नहीं किया.