भारत की वो जगह जहां लोगों के जूते पहननते पर है पाबंदी
बता दें यह गांव तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित है, जिसका नाम अंडमान है. इस गांव में लोग मानते हैं कि उनके गांव की रक्षा मुथ्यालम्मा नाम की एक देवी करती हैं. इसीलिए वे देवी के सम्मान में जूते-चप्पल नहीं पहनते.
दरअसल इस गांव के लोग मानते हैं कि उनका पूरा गांव एक मंदिर के समान है. इसलिए वे पूरे गांव में जूते-चप्पल नहीं पहनते. इसके अलावा यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और गांव के लोग इसका पालन करते हैं.
हालांकि, गांव के सभी लोग इस नियम का पालन करते हैं, ऐसा नहीं है कि कोई अपवाद नहीं है. गांव में बुजुर्ग या बीमार लोग सेहत को ध्यान में रखते हुए चप्पल या जूता पहन लेते हैं. इसके अलावा जब धूप की वजह से जमीन अधिक गर्म हो जाती है, तब भी कुछ ही लोग चप्पल पहनते हैं.
यह नियम केवल गांव के लोगों पर ही लागू होता है. बाहरी लोगों पर इस नियम का कोई दबाव नहीं डाला जाता है. हालांकि, जब कोई बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश करता है तो उसे स्थानीय लोगों का सम्मान करते हुए जूते-चप्पल उतार लेने की सलाह दी जाती है.
अंडमान गांव भारत की उन अनोखी जगहों में से एक है जहां की अपनी अनूठी परंपराएं हैं. जूते-चप्पल नहीं पहनने की यह परंपरा इस गांव की पहचान बन गई है. हालांकि, यह नियम सभी के लिए सही नहीं हो सकता.