क्यों मनाया जाता है नेशनल कंडोम डे? वजह जानकर छूट जाएगी आपकी भी हंसी
नेशनल कंडोम डे का उद्देश्य कंडोम के उपयोग के महत्व को बढ़ावा देना है. इसका लक्ष्य न केवल सेक्स के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि इसके द्वारा प्रसार में आने वाली यौन संक्रामक बीमारियों (STDs) को रोकने के बारे में भी जागरूकता फैलाना है.
यह दिन युवाओं और वयस्कों को सुरक्षित सेक्स और परिवार नियोजन के महत्व के बारे में बताने के लिए मनाया जाता है. कंडोम का इतिहास बहुत पुराना है. हालांकि आज हम इसे एक प्लास्टिक या रबर की थैली के रूप में देखते हैं, लेकिन पहले यह विभिन्न सामग्रियों से बनते थे.
प्राचीन समय में कंडोम को जानवरों की आंत, बांस और यहां तक कि पेपर से भी बनाया जाता था. 16वीं सदी में कंडोम का उपयोग यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए किया जाता था. 18वीं सदी में यूरोप में कंडोम का उपयोग और ज्यादा बढ़ा और 19वीं सदी के आखिरी में रबर कंडोम का विकास हुआ.
आज के समय में कंडोम का उपयोग केवल गर्भधारण से बचाव के लिए नहीं, बल्कि यौन संक्रामक बीमारियों (STDs) के खतरे को कम करने के लिए भी किया जाता हैय यही कारण है कि कंडोम को एक प्रभावी और सस्ता सुरक्षा उपाय माना जाता है, जिसे हर कोई आसानी से अपना सकता है.
नेशनल कंडोम डे, जिसे हर साल 13 फरवरी को मनाया जाता है, का उद्देश्य कंडोम के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सेक्स के दौरान सुरक्षा को बढ़ावा देना है.
यह दिन खासतौर पर युवा वर्ग के बीच यौन शिक्षा और सुरक्षा के बारे में बातचीत को बढ़ावा देता है. यह उन मिथकों और गलत धारणाओं को तोड़ने का भी प्रयास करता है, जो कंडोम के बारे में समाज में फैली हुई हैं.