Shalimar Perfume: इश्क की खुशबू से गुलजार है दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला यह इत्र, इस मुगल बादशाह से बेहद खास कनेक्शन
1921 में जैक्स गुरलेन ने एक ऐसी खुशबू का इजाद किया जो परफ्यूम की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित परफ्यूम में से एक बन गया. इसका नाम शालीमार है. एक शानदार बैकारेट क्रिस्टल बोतल में बंद ये मनमोहक खुशबू हर किसी को दीवाना बनाने के लिए काफी है.
यह ब्रांड गुरलेन की विरासत का आधार बना हुआ है. दुनिया भर में हर घंटे इसकी 108 बोतलें बिकती हैं और यह ‘ला पेटीट रोब नोइरे’ के बाद सबसे ज्यादा बिकने वाली खुशबू के बाद दूसरे नंबर पर है.
इस परफ्यूम को बनाने की प्रेरणा मुगल बेगम मुमताज महल रही हैं. शाहजहां ने अपनी पत्नी के लिए शालीमार गार्डन बनवाए थे. जब उनकी मृत्यु हुई तो शाहजहां ने उनके लिए ताजमहल बनाया. जब ये प्रेम कहानी जैक्स गुलरेन तक पहुंची तो उन्होंने एक महारानी के लिए इत्र बनाने का फैसला किया.
जैसे-जैसे वक्त बीतता रहा उन्होंने इस परफ्यूम में विदेशीपन को अपनाया. इसकी खुशबू में उन्होंने सिंथेटिक वेनिला कंपाउंड एथिलवैनिलिन मिलाया, इसका परिणाम बहुत बेहतरीन रहा. इसमें उन्होंने वेलवेटी वेनिला, सेंसुअल सैंडलवुड, रेसिनस बेंजीन, आइरिस, इंसेंस और टोंका बीन को मिलाया.
इसके परिणाम से शालीमार की बहुत बेहतरीन खुशबू बनी. अब खुशबू इतनी बेहतरीन थी तो इसका प्रेंजेशन भी अच्छा होना चाहिए था. जैक्स के चचेरे भाई रेमंड गुरलेन ने मुगल गार्डेन के झरनों से प्रेरित एक सुंदर सी बॉटल डिजाइन की.
इस बॉटल का कैप डार्क ब्लू कलर का और पंखे के आकार का बैकारेट क्रिस्टल स्टॉपर था, जिसे एक रेशमी धागे से बांधा गया था और इसे वैक्स से सील कर दिया था.
दशकों के बाद भी शालीमार महज एक इत्र नहीं रह गया है, बल्कि यह प्रेम, कला और प्रलोभन की विरासत है.