फर्जी पासपोर्ट बनवाना है बड़ा जुर्म, जानिए फर्जी पासपोर्ट बनवाने पर मिलेगी कितने साल की सजा
पासपोर्ट के लिए सरकार की कई गाइडलाइंस हैं. देश का कोई भी नागरिक पासपोर्ट के लिए अप्लाई कर सकता है. लेकिन पासपोर्ट जारी करना या नहीं करने का अधिकार सरकार के पास है.
सरकार कुछ प्रतिबंधित व्यक्तियों, आरोपियों, धांधली के आरोपियों और आतंकवादियों समेत कई लोगों को पासपोर्ट नहीं जारी करता है. यही वजह है कि कई बार नागरिक फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दूसरे देश का सफर करने की कोशिश करते हैं.
कई बार आतंकी समेत अन्य आरोपी भी फर्जी पासपोर्ट के जरिए बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश करते हैं. यही वजह है कि हर देश में पासपोर्ट को लेकर गंभीर तरीके से जांच की जाती है.
बता दें कि फर्जी पासपोर्ट बनाने या रखने के मामले में पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12 के तहत कार्रवाई की जाती है. धारा 12 (1ए) में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं और भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन करता है, तो फिर अपनी नागरिकता की जानकारी छिपाकर फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट बनवा लेता है या फिर फर्जी पासपोर्ट रखता है, तो उसके लिए सजा का प्रावधान है.
पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 के तहत फर्जी पासपोर्ट के मामले में किसी भी व्यक्ति को एक साल से कम का कारावास नहीं होता है. इस सजा को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही कम से कम 10 हजार रुपये और अधिकतम 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.