LBW हो या डकवर्थ लुईस... ICC नहीं बनाता क्रिकेट का एक भी नियम, वजन जानकर चौंक जाएंगे
असल में, क्रिकेट के मूल नियम बनाने की जिम्मेदारी मोंटेसेर क्लब ऑफ क्रिकेट MCC के पास है. MCC की स्थापना 1787 में इंग्लैंड में हुई थी और तब से यह क्लब क्रिकेट के आधिकारिक नियमों का संरक्षक रहा है.
LBW का निर्धारण, गेंदबाजी नियम, बाउंड्री, आउट के प्रकार या डकवर्थ-लुईस D/L जैसी नियमावली MCC तय करती है. ICC का काम इन नियमों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लागू करना है.
ICC प्रतियोगिताओं में नियमों के पालन, मैच रेफरी और तकनीकी चीजों की देखरेख करता है, लेकिन नए नियम बनाने का अधिकार MCC के पास ही है. उदाहरण के लिए, डकवर्थ-लुईस पद्धति, जो बारिश या मैच रद्द होने जैसी स्थिति में स्कोर का न्यायसंगत आकलन करती है.
ICC द्वारा मैचों में लागू की जाती है, लेकिन इसका गणित और आधार MCC या नियम विशेषज्ञ तय करते हैं. ICC कुछ मामलों में खेल को और रोमांचक या आधुनिक बनाने के लिए फॉर्मेट-स्पेसिफिक नियम सुझा सकता है.
जैसे कि T-20 क्रिकेट में सुपर ओवर, पावरप्ले या स्ट्राइक रूल, लेकिन यह मूल Laws of Cricket में बदलाव नहीं होता है.
MCC का ही उद्देश्य क्रिकेट के नियमों को समय के साथ अपडेट करना है ताकि खेल हमेशा संतुलित, सुरक्षित और निष्पक्ष बना रहे. सरल शब्दों में कहें तो, MCC क्रिकेट के नियमों का निर्माता है और ICC उनका पालन कराता है.
LBW का सही निर्णय, डकवर्थ-लुईस की गणना या रन-आउट की व्याख्या सभी MCC के नियमों पर आधारित हैं. ICC सिर्फ उनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल सुनिश्चित करता है.