जूते की डोरी में आगे जो प्लास्टिक लगा होता है, उसे क्या कहते हैं? ये है इसका नाम
दुनिया मेंं जूतों का इतिहास करीब 7000-8000 ई.पू का है. आज के दौर की बात की जाए तो जूते इंसान की पर्सनालिटी को और आकर्षक बनाते हैं. दुनिया में महंगे महंगे ब्रांडेड जूते मिलते हैं. हर अकेजन के हिसाब से लोग अलग-अलग जूते पहनते है. जूते के कई प्रकार भी होते हैं. जिनमें कुछ फीते वाले होते हैं. तो कुछ बिना फीते वाले.
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View In Appजूते को इंग्लिश में शू कहा जाता है. और जूते के फीतों को शूलेस कहा जाता है. लेकिन क्या आपको पता है. जो फीतों के आगे की ओर प्लास्टिक लगी होती है. उसे क्या कहा जाता है.
अक्सर जब आपने फीतों वाले जूते पहने होंगे तो देखा होगा कि फीतों के आगे प्लास्टिक लगी होती है. जूतों के आगे लगी उस प्लास्टिक को एग्लेट कहा जाता है. जिसका अर्थ होता है पिन या कोई नुकीले चीज़.
जिस तरह से जूतों का इतिहास काफी पुराना है. उसी तरह जूतों के फीतों का भी इतिहास काफी पुराना है. कहा जाता है जब जूतों का अविष्कार हुआ था. तब जूते बिना फीते के पहने जाते थे.
12वीं सदी में जाकर जूतों में फीते लगाने की शुरूआत हुई. इसके बाद से पूरी दुनिया में फीते वाले जूतों का चलन शुरू हुआ. बता दें कि लंदन के म्यूजियम में आज भी उससे जुड़े दस्तावेज संग्रहित करके रखे गए है.
बता दें कि 18वीं सदी के समय में भारत में सभी को जूते पहनने की आजादी नहीं थी. राजा और राज दरबारियों को ही इसकी इजाजत हुआ करती थी. लेकिन समय के साथ आम जनता भी जूते पहनने लगी.
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