How Astronauts Take Bath In Space: जब स्पेस में तैरता रहता है पानी तो वहां नहाते कैसे हैं एस्ट्रोनॉट्स, जानकर नहीं होगा यकीन
अंतरिक्ष यात्री अपनी साफ-सफाई के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. वे सामान्य तरीके से नहाने की बजाय गीले तौलिये का सहारा लेते हैं. इन तौलियों में लिक्विड साबुन या एल्कोहॉल मिलाया जाता है, जिससे शरीर को आसानी से पोंछा जा सके.
बाल धोने के लिए पानी-रहित शैंपू या ड्राई शैंपू का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें झाग नहीं बनता और पानी की आवश्यकता भी बहुत कम होती है.
यह शैंपू खासतौर से इस तरह तैयार होता है कि उसे बिना धोए बालों में इस्तेमाल किया जा सके. जब एस्ट्रोनॉट्स को हाथ या चेहरा साफ करना होता है तो वे छोटे-छोटे पाउच में भरे लिक्विड सोप का उपयोग करते हैं.
इसे स्किन पर लगाकर गीले कपड़े से पोंछ दिया जाता है और फिर सूखे तौलिये से सुखा लिया जाता है. इस प्रक्रिया से बहुत कम पानी खर्च होता है और शटल के अंदर कोई गंदगी भी नहीं फैलती है.
स्पेस स्टेशन पर पानी को खास कंटेनरों और प्रेशर मशीनों के जरिए शरीर पर लगाया जाता है. यानि पानी को गिरने के बजाय नियंत्रित तरीके से स्किन पर छोड़ा जाता है.
यहां तक कि कपड़े भी अक्सर धोए नहीं जाते बल्कि कुछ दिनों तक पहनने के बाद रीसाइकिल कर दिए जाते हैं क्योंकि वहां पानी बेहद कीमती होता है.
सोचिए, हम जहां रोज नहाकर तरोताजा महसूस करते हैं, वहीं अंतरिक्ष यात्री महीनों तक सिर्फ गीले तौलियों और पानी-रहित प्रोडक्ट्स पर निर्भर रहते हैं. अंतरिक्ष में यही उनका जीवन है जो उन्हें स्पेस की चुनौतियों से जूझने और रिसर्च जारी रखने में सक्षम बनाता है.