कितनी होती है पायलट के रिटायरमेंट की उम्र, कॉमर्शियल और आर्मी प्लेन के लिए कितने अलग हैं नियम?
मूल रूप से पायलट चार तरह के होते हैं. पहला एयरलाइन पायलट, दूसरा कॉमर्शियल पायलट, तीसरा फाइटर पायलट और चौथा होता है चार्टर पायलट.
देश के कई सारे पायलट ट्रेनिंग स्कूल प्लेन उड़ाने का प्रशिक्षण देते हैं. टॉप पायलट स्कूलों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी, राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब, नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब.
भारत में एक पायलट की रिटारमेंट की उम्र 65 साल है. इसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा निर्धारित किया जाता है.
हालांकि पहले यह उम्र 58 साल थी, लेकिन बाद में इसको बढ़ाकर 65 साल कर दिया गया है. यह बदलाव एयर इंडिया जैसी एयरलाइन में भी लागू होता है.
पहले जहां पालयट 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाते थे. वहीं अब वे 65 साल तक की उम्र तक उड़ान भर सकते हैं.
भारतीय वायुसेना में पायलटों की सेवानिवृत्ति की उम्र उनकी रैंक और शाखा के आधार पर अलग-अलग होती है. लेकिन हाई रैंक वाले पायलट 60 साल की उम्र तक फ्लाइट उड़ा सकते हैं.
हालांकि कॉमर्शियल पायलटों की रिटारमेंटर उम्र 67 साल तक किए जाने की बात पिछले काफी समय से चल रही है, लेकिन इस पर तीखी बहस भी जारी है.