Karva Chauth 2025: हर शहर में अलग क्यों होता है चांद दिखने का समय? करवाचौथ का व्रत रखने वाले जानें हकीकत
असल में चांद दिखने के समय में फर्क का कारण पृथ्वी और चंद्रमा की गति है. पृथ्वी लगातार अपनी धुरी पर घूमती रहती है और चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है. इन दोनों की गतियों की वजह से चांद हर जगह एक ही समय पर नहीं दिखाई देता.
उदाहरण के तौर पर, जब पृथ्वी घूमती है तो उसका एक हिस्सा पहले सूर्य और चंद्रमा की रोशनी की दिशा में आता है, जबकि बाकी हिस्से बाद में आते हैं. यही वजह है कि एक ही दिन में अलग-अलग शहरों में चांद कुछ मिनटों के अंतर से नजर आता है.
इसके अलावा, टाइम जोन भी एक बड़ा कारण है. भारत भले ही एक ही मानक समय (IST) पर चलता है, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से देश काफी बड़ा है.
पश्चिम के शहरों में सूर्यास्त और चंद्रोदय पूर्वी शहरों की तुलना में कुछ देर से होते हैं. जैसे, कोलकाता में चांद दिल्ली से पहले दिख सकता है, जबकि जयपुर या अहमदाबाद में कुछ देर से. यह अंतर कभी-कभी 15 से 30 मिनट तक भी पहुंच जाता है.
पृथ्वी का झुकाव भी इस खगोलीय अंतर में भूमिका निभाता है. पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है, जिसके कारण सूर्य और चंद्रमा के उदय-अस्त की दिशा सालभर बदलती रहती है. यही वजह है कि करवाचौथ के दिन चांद की स्थिति और उदय का समय हर साल थोड़ा अलग होता है.
अब बात करें चंद्रमा की गति की तो चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा हर 27.3 दिनों में पूरी करता है और इस दौरान हर दिन लगभग 50 मिनट देरी से उगता है. इस देरी का असर भी हर शहर के स्थानीय चंद्रोदय समय पर पड़ता है.
इसलिए अगर आप करवाचौथ का व्रत रख रही हैं और सोच रही हैं कि आपके शहर में चांद देर से क्यों निकलता है, तो जान लीजिए कि यह सब पृथ्वी और चंद्रमा की प्राकृतिक गति और भौगोलिक स्थिति की वजह से है.