इसे माना जाता है धरती का रेफ्रिजरेटर, होने वाला है बंद
जिसकी वजह से आने वाले कुछ सालों में हमें प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. वहींं जलवायु परिवर्तन के कारण अंटार्कटिका की बर्फ भी तेजी से पिघल रही है.
बता दें कि आर्किटिक बर्फ का एक समुद्र है जो जमीन से घिरा हुआ है. ये उत्तरी गोलार्ध के उच्चतम अक्षांस पर स्थित है. यहां समुद्री बर्फ गर्मियों में स्वभाविक रूप से कम हो जाती है. हालाकि सर्दियां आने पर फिर यहां बर्फ की मोटी चादर नजर आने लगती है.
अब रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आर्कटिक में महज 10 सालों में पूरी बर्फ खत्म हो सकती है. साफ शब्दों में समझें तो यहां कुछ महीने या कुछ समय ऐसा होगा जब बिल्कुल बर्फ नहीं होगी.
यदि ऐसा होता है तो धरती अप्रत्याशित रूप से गर्मी बढ़ जाएगी और हर तरफ बहुत गर्मी नजर आएगी. वैज्ञानिकों की मानें तो इसे रोकने के जल्द प्रयास नहीं किए गए तो आने वाले समय में इसके बड़े दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कोलोराडो बोल्डर यूूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने आर्कटिक में बर्फ बनने और उसके पिघलने पर बड़ी रिसर्च की है. जिसमें पाया गया है कि पहले के मुकाबले बीते कुछ सालों में गर्मियों के दौरान यहां बर्फ सामान्य से अधिक पिघल रही है. वहीं सर्दियों में यह तेजी से पहले जम जाया करती थी, लेकिन पहले के मुताबिक अब ऐसा नहीं हो रहा है. बहुत कम बर्फ बन पा रही है. जो काफी डराने वाली बात है.