Silver Wire In Indian Currency: क्या भारतीय नोटों के बीच में चांदी का तार लगा होता है, जानें क्या है इसके पीछे का सच
यह चमकदार तार चांदी से नहीं बना होता. यह एक खास पॉलिएस्टर आधारित पदार्थ होता है जिस पर धातु की परत होती है. इसी वजह से यह चमकदार और चांदी जैसा दिखता है.
यह तार भारतीय बैंक नोट की प्रमुख सुरक्षा विशेषताओं में से एक है. इस तार की मदद से लोगों और मशीनों को असली और नकली नोट में अंतर करने में मदद मिलती है.
यह धागा मशीन रीडेबल है और साथ ही पराबैंगनी रोशनी में पीले रंग में चमकता है. यह विशेषता बैंकों और एटीएम को लेनदेन के दौरान नोटों की असली और नकली जांच का सत्यापन करने में मदद करती है.
पुराने नोटों में यह तार कागज के अंदर धंसा होता था और सिर्फ प्रकाश में रखने पर ही दिखता था. लेकिन नए नोटों में यह तार आंशिक रूप से सतह पर भी दिखाई देता है और नोट के अंदर भी छिपा होता है.
₹100 और उससे ज्यादा मूल्य के नोटों में तार तिरछा करने पर हरे से नीले रंग में बदल जाता है. इसकी यही विशेषता असली मुद्रा की नकल करने की कोशिश करने वाले जालसाजों के लिए मुश्किलों को बढ़ा देती है.
नए नोटों में स्तर पर भारत और आरबीआई शब्द भी छपा हुआ है. यह सिर्फ प्रकाश में सावधानीपूर्वक देखने पर ही दिखाई देता है.