अंतरिक्ष में कैसे तैरता रहता है 400 टन का स्पेस स्टेशन, यह धरती पर क्यों नहीं गिरता? क्या है इसका साइंस
स्पेस स्टेशन एक तरह से अंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए एक घर है. एस्ट्रोनॉट्स स्पेस मिशनों के दौरान इसी स्टेशन में रहते हैं और कई प्रयोग करते हैं. अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर वैज्ञानिक स्पेस में मानव जीवन की संभावनााओं को तलाश कर रहे हैं.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक फुटबाल के मैदान जैसे आकार का है, जिसका वजन करीब 460 टन है और यह 27,600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के चक्कर काट रहा है.
हैरान करने वाली बात यह है कि ग्रेविटी में होने और इतना वजनी होने के बाद भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में कैसे टिका हुआ है?
नासा के मुताबिक, स्पेस स्टेशन के घूमने की रफ्तार 27,600 किमी प्रति घंटा है. इतनी तेज रफ्तार के कारण एक तरह का बल पैदा होता है, जो ग्रेविटी के विरुद्ध ही काम करता है.
सीधे शब्दों में कहें तो इसके पीछे विज्ञान का एक नियम है. दरअसल, स्पेस स्टेशन को पृथ्वी से दूर रखने का वेग और इसके खिंचाव से गिरने से रोकने वाला वेग बराबर है, जिस कारण यह स्पेस में टिका हुआ है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को करीब 15 देशों की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर बनाया था. अब क 20 अलग अलग देशों के 200 से ज्यादा अंतरिक्ष यात्री इसकी यात्रा कर चुके हैं.