ट्रेन में लाल, हरे और नीले रंग के कोच में क्या होता है अंतर, क्या आप जानते हैं रेलवे से जुड़ी ये बात?
आपने देखा होगा कि ट्रेन के कोच अलग-अलग रंग के होते हैं. ये लाल, नीले और हरे होते हैं. तीनों रंग के कोच अलग-अलग ट्रेनों में प्रयोग किए जाते हैं, जो ट्रेन के कोच में अंतर को बताते हैं.
ज्यादातर ट्रेनों में नीले रंग के कोच का इस्तेमाल किया जाता है. ट्रेन के नीले रंग के कोच को ICF यानी इंटीग्रल कोच फैक्टरी (Integral Coach Factory) कहते हैं. इसका कारखाना तमिलनाडु के चेन्नई में हैं.
नीले रंग के कोच एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में प्रयोग किए जाते हैं. इन कोच में एयर ब्रेक लगा होते हैं. ये कोच लोहे के होते हैं और 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के लिए बने होते हैं.
लाल रंग के कोच को LHB (Linke Hofmann Busch) कहा जाता है. ये कोच 2000 में जर्मनी से भारत लाया गया था. इस कोच को बनाने की फैक्टरी पंजाब के कपूरथला में है.
लाल रंग के कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं जो नीले रंग की कोच की तुलना में हल्के होते हैं. इन कोच की अधिकतम स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है. इनका इस्तेमाल शताब्दी या फिर राजधानी जैसी ट्रेनों में होता है.
लाल और नीले रंग के कोच के अलावा आपने कुछ ट्रेनों में हरे रंग के कोच भी देखे होंगे. हरे रंग के कोच गरीब रथ जैसी ट्रेनों में प्रयोग किए जाते हैं.