कुल कितने तरह के होते हैं वीजा, क्या सेना के अधिकारियों के लिए अलग होता है नियम?
सबसे पहला है राजनयिक वीजा, यह अन्य देशों के राजनयिक, अधिकारी या फिर यूएन में काम करने पासपोर्ट धारक या भारत में अंतरराष्ट्रीय संगठन के अधिकारी, उनके पार्टनर या बच्चों के मिलता है. दूसरा है ट्रांसिट वीजा, जो कि पांच दिन के लिए वैलिड होता है और उनको मिलता है जो कि किसी देश से होकर गुजरना होता है.
ऑन अराइवल वीजा, यह किसी देश में एंट्री के वक्त तुरंत जारी किया जाता है. टूरिस्ट वीजा सिर्फ विदेश घूमने जाने वालों के लिए होता है.
रोजगार वीजा एक साल के लिए दिया जाता है. परियोजना वीजा रोजगार वीजा का ही एक उपवर्ग है. यह स्टील और पावर क्षेत्र में लगी परियोजनाओं में लगे हुए विदेशियों को दिया जाता है.
स्टूडेंट वीजा पांच साल तक के लिए वैलिड होता है. पत्रकार वीजा पर पेशेवर पत्रकार, प्रेस के लोग, फिल्मी हस्तियां, रेडियो, टीवी, यात्रा लेखन, टीवी प्रोडक्शन, विज्ञापन, फैशन और ग्लैमर व फोटोग्राफी के लिए दिया जाता है.
व्यापार वीजा पांच साल के लिए मान्य होता है. पर्वतारोहण वीजा पर्वतारोहण अभियानों के लिए भारतीय अधिकारियों की मंजूरी के बाद दिया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए सम्मेलन वीजा जारी किया जाता है. इसके अलावा देश में किसी तरह के अनुसंधान के लिए वीजा तीन साल के लिए दिया जाता है.
मेडिकल वीजा उनको दिया जाता है, जो इलाज कराने के लिए विदेश जाते हैं. यूनिवर्सल वीजा जीवनभर के लिए दिया जाता है. यह उनको मिलता है, जिनके पास भारत का विदेशी नागरिकता कार्ड होता है.
मैरिज वीजा एक निश्चित समय के लिए जारी किया जाता है. यह तब जारी होता है, जब कोई भारतीय किसी विदेशी लड़की से शादी करना चाहता है. पार्टनर वीजा उसे दिया जाता है, जब कोई शख्स अपने पार्टनर को अपने पास विदेश में बुलाना चाहता है.
इमिग्रेंट वीजा तब देते हैं, जब कोई शख्स किसी दूसरे देश में बसना चाहता है. रिटायरमेंट वीजा कुछ गिने-चुने देश जैसे कि ऑस्ट्रेलिया देता है. इसके अलावा जो लोग डिप्लोमैट कैटिगरी में नहीं आते हैं उनको कोर्टेजी वीजा दिया जाता है.
इसके अलावा सेना के अधिकारियों के लिए कोई भी खास तरह का वीजा जारी नहीं किया जाता है.