पाकिस्तान ही नहीं, भारत में भी है ISI, जानें एक-दूसरे से कितने अलग हैं दोनों?
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस की स्थापना पाकिस्तान में सशस्त्र सेनाओं की व्यावहारिक और वैचारिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए हई थी. आईएसआई का मुख्य काम खुफिया जानकारी को इकठ्ठा करना होता है, इसमें सात डायरेक्टोरेट्स, अलग अलग विभागों में कई पोस्ट और विंग है. पाकिस्तान की इस खुफिया एजेंसी पर पाकिस्तान की सेना का खास नियंत्रण है.
इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई पाकिस्तान की सेना और वहां की सरकार के लिए काफी अहम भूमिका निभाती है. पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आईएसआई हेडक्वॉर्टर का दौरा किया था और भारत के साथ बढ़ रहे तनाव की जानकारी ली थी.
ISI पाकिस्तान की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है हालांकि, इसमें कितने लोग काम करते हैं इसके बारे में सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है. यहां तक की आईएसआई का बजट कितना है इसके बारे में भी कभी लोगों को नहीं बताया गया है. हालांकि, फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें मुखबिर और सूचना देने वालों को छोड़कर कुल 10 हजार अधिकारी और स्टाफ हैं.
भारत के खिलाफ आतंक फैलाने में पाकिस्तान की इस खुफिया एजेंसी का एक बड़ा हाथ बताया जाता है. इसका कश्मीर सेंट्रिक स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन चलता रहता है, जिसके लिए इनके पास खूब पैसा होता है.
अगर भारत में ISI की बात करें तो भारत में भारतीय सांख्यिकी संस्थान है. यह संस्थान भारत में सांख्यिकी, गणित, और संबंधित क्षेत्रों में रिसर्च और शिक्षा के लिए एक प्रसिद्ध संस्थान है. सबसे पहले इसकी स्थापना 1931 में कोलकाता में हुई थी इसके केंद्र दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई और तेजपुर में हैं.