सबसे पहले भारत के किस शहर में आई थी कार...दिल्ली-मुंबई गलत जवाब है
अब आपको लग रहा होगा कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहर जहां देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं, जाहिर सी बात है भारत की पहली कार इन्हीं शहरों में या इनके आस-पास के किसी शहर में ही आई होगी. हालांकि, आप गलत हैं.
दरअसल, बात 1897 की है. इस वक्त भारत में कलकत्ता एक ऐसा शहर था जो अपने उद्योग के लिए जाना जाता था. यही वजह है कि उस वक्त कलकत्ता में अमीरों की संख्या बहुत थी. देश की पहली कार भी इसी शहर में आई थी.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की पहली कार साल 1987 में खरीदी गई थी. ये कार फ्रांस की DeDion थी. इस कार को खरीदा था Crompton Greaves कंपनी से जुड़े मिस्टर फोस्टर ने.
1986 में जब कलकत्ता जो अब कोलकाता हो गया है की सड़कों पर इस कार की लॉन्चिंग के इश्तेहार लगे तो इसकी एक झलक पाने के लिए लोग बेताब थे.
ये तो रही भारत में आने वाली पहली कार की कहानी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले भारतीय कौन थे, जिन्होंने कार खरीदी थी. ये थे टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा.
टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने ये कार 1898 के समय में खरीदी थी. हालांकि, जब उन्होंने कार खरीदी तो उसी समय मुंबई में तीन और कारें बिकी थीं जिन्हें खरीदने वाले लोग भी पारसी समुदाय के थे.