कितने देशों से खजूर मंगाता है भारत, सबसे ज्यादा कौन सा मुल्क करता है इसका निर्यात?
भारत में खजूर की मांग अब केवल धार्मिक परंपराओं तक सीमित नहीं रही. हेल्दी लाइफस्टाइल, डाइट फूड्स और नेचुरल एनर्जी सोर्स के तौर पर खजूर की पहचान मजबूत हुई है. फाइबर, आयरन और प्राकृतिक शुगर से भरपूर होने के कारण इसे चीनी के हेल्दी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.
सर्दियों में इसका सेवन बढ़ता है और खजूर से बनी मिठाइयों, स्नैक्स और शेक्स ने इसकी खपत को और बढ़ाया है. एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट डाटा के अनुसार साल 2023 में भारत ने करीब 49,05,89,000 किलोग्राम खजूर का आयात किया. यह आंकड़ा भारत को खजूर आयात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बनाता है.
इतनी बड़ी मात्रा इस बात का संकेत है कि घरेलू उत्पादन मांग को पूरा करने में अभी सक्षम नहीं है, इसलिए भारत को विदेशी बाजारों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. भारत खजूर के लिए मुख्य रूप से मध्यपूर्वी देशों पर निर्भर है. सबसे बड़ा सप्लायर इराक है, जहां से भारत का लगभग 40 प्रतिशत खजूर आयात होता है.
इराकी खजूर अपनी गुणवत्ता और कीमत के कारण भारतीय बाजार में खासा लोकप्रिय है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात का स्थान आता है, जहां से भारत लगभग 29.6 प्रतिशत खजूर मंगाता है. यूएई न केवल उत्पादन में, बल्कि री-एक्सपोर्ट के मामले में भी अहम भूमिका निभाता है.
इराक और यूएई के बाद ईरान तीसरा बड़ा निर्यातक देश है, जहां से भारत के कुल खजूर आयात का करीब 16.5 प्रतिशत आता है. ईरानी खजूर खासतौर पर अपने स्वाद और किस्मों के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा ओमान और इजरायल भी भारत को खजूर की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में शामिल हैं.
इन पांच देशों से मिलकर भारत की अधिकांश खजूर जरूरतें पूरी होती हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत में भी खजूर की खेती होती है. गुजरात, राजस्थान और कुछ हद तक तमिलनाडु में खजूर की चुनिंदा किस्में उगाई जाती हैं.
हालांकि, घरेलू उत्पादन सीमित है और गुणवत्ता व मात्रा दोनों ही आयातित खजूर की तुलना में कम मानी जाती हैं. यही कारण है कि बढ़ती मांग के बावजूद भारत को बड़े पैमाने पर खजूर आयात करना पड़ता है.