आज बनवाएंगे ताजमहल जैसी इमारत तो कितने लगेंगे रुपये? जान लें पूरा हिसाब-किताब
ताजमहल सन् 1632 में शुरू होकर 1653 में पूरा हुआ था. उस समय लगभग 32 लाख रुपए में बनकर तैयार हुआ था. इस इमारत के निर्माण में करीब 20,000 मजदूर और कलाकार शामिल थे. ताजमहल का पूरा ढांचा सफेद संगमरमर से तैयार किया गया था, जिसे राजस्थान के मकराना से लाया गया था.
इसके अलावा इसमें कीमती रत्न, जड़ाई और बारीक नक्काशी का काम भी किया गया था, जो इसे दुनिया की सबसे अनोखी इमारत बनाता है.
आज अगर ताजमहल जैसी इमारत बनानी हो, तो इसकी लागत का अंदाजा लगाना आसान नहीं है. लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो वही क्वालिटी, संगमरमर, नक्काशी और डिजाइन को दोहराया जाए तो इसकी अनुमानित लागत 4,000 करोड़ से 6,500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया और आर्किटेक्चरल डाइजेस्ट जैसी अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों की मानें तो ताजमहल को आधुनिक तकनीक और सामग्री के साथ फिर से बनाने पर लगभग 400-650 मिलियन डॉलर का खर्च आएगा. इसमें जमीन, श्रम, सजावट, संगमरमर, रत्न जड़ाई और इंटीरियर आर्टवर्क की लागत शामिल है.
लागत का हिसाब जोड़ें तो आज हाई क्वालिटी वाले मकराना या इतालवी संगमरमर की कीमत 300 से 700 प्रति वर्ग फुट तक है. बिल्डिंग का निर्माण आज की तारीख में लगभग 200-400 प्रति स्क्वायर फुट आएगा.
ताजमहल जैसी बारीक जड़ाई और नक्काशी कराने में करोड़ों रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा. गार्डन, पानी की व्यवस्था, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और आर्किटेक्चर डिजाइन की लागत भी करोड़ों में होगी.
यदि कोई शख्स मिनी ताजमहल टाइप बनवाना चाहे, तो इसकी लागत 30-50 करोड़ रुपये तक हो सकती है. लेकिन अगर मूल ताजमहल जैसी पूर्णं भव्यता, ऊंचाई, संगमरमर की क्वालिटी और कलात्मकता रखी जाए, तो यह लागत 5,000 करोड़ से नीचे नहीं आएगी.