कैसे पहचाने केला कार्बाइड से पका है या नहीं? ये रहा तरीका
बाजार में बिकने वाले सभी केले शरीर के लिए फायदेमंद नहीं होते. जल्दी पकाने के लिए इससे जुड़े व्यवसायी कार्बाइड का उपयोग करते हैं. इससे भले ही केले जल्दी पक जाएं लेकिन सेहत पर इसका असर बहुत ही बुरा पड़ता है.
केला में कई तरह के फाइबर,विटामिन बी-6,विटामिन-ए,आयरन,सोडियम,पोटैशियम, कैल्शियम आदि पाया जाता है. इसको खाने से शरीर में तुरंत ऊर्जा मिलती है.
केले के उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है. भारत में केले की खपत बहुत अधिक है. व्रत में, तीज त्योहारों के समय इसकी मांग बहुत अधिक बढ़ जाती है.
कार्बाइड से पकाए गए केलों में पहला फर्क यह होता है वह सामान रूप से नहीं पके होते हैं, कही पर अधिक तो कहीं कच्चे या कम पके होते है. जबकि प्राकृतिक रूप से पके केले सामान रूप से पके होते हैं.
प्राकृतिक रूप से पके केले का स्वाद अधिक मीठा होता है,जबकि कार्बाइड से पकाए गए केले का स्वाद फीका होता है. कार्बाइड से पकाए गए केले का रंग हल्का पीला वहीं प्राकृतिक रूप से पके केले में हल्के भूरे और कहीं-कहीं काले धब्बे दिखाई देते है.