River Water Quality Measurement: कैसे चेक होती है बहती हुई नदी के पानी की क्वालिटी, किन-किन चीजों का लगाते हैं पता?
हाल ही में जब महाकुंभ हुआ था तब करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में स्नान किया था, जिसके बाद संगम के पानी को लेकर सवाल उठने लगे. नेशनल पॉल्यूशन बोर्ड कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट ने कहा कि गंगा का पानी प्रदूषित हो चुका है.
हालांकि बाद में रिपोर्ट आई कि नदी का पानी साफ है. लेकिन आखिर पानी की शुद्धता की जांच कैसे की जाती है. चलिए इसके बारे में थोड़ा विस्तार से जानें.
बहती हुई नदी के पानी की क्वालिटी चेक करने के लिए कई तरीके हैं, जिनमें TDS मीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स और लैब से जांच भी शामिल हैं.
TDS मीटर को टोटल डिजॉल्व सॉलिड्स के नाम भी जानते हैं. यह उपकरण पानी में घुले हुए खनिजों और लवणों की मात्रा को मापता है, जो पानी की शुद्धता के लिए अच्छा संकेत देता है.
दूसरी विधि होती है टेस्ट स्ट्रिप्स. ये पानी में विभिन्न रसायनों और अशुद्धियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एक तुरंत और आसान तरीका है, लेकिन वो प्रयोगशाला जांच की तरह सटीक नहीं होती.
एक होती है लैब टेस्ट विधि. इस विधि के जरिए पानी के नमूनों को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है. यहां वे अलग-अलग परीक्षणों से गुजरते हैं, जैसे कि pH लेवल, जीवाणु और अन्य रसायनों की जांच की जाती है.
इसके अलावा पानी की पारदर्शिता भी स्वच्छा का एक अच्छा संकेत होती है. पानी के रंग, खुशबू और स्वाद के जरिए भी इसकी क्वालिटी का पता किया जा सकता है.