Nuclear Power: विश्व में बिजली उत्पादन का कितना प्रतिशत परमाणु ऊर्जा से आता है, जानें भारत में कितना है इसका योगदान
दुनिया भर में उत्पादित कुल बिजली में परमाणु ऊर्जा का योगदान सिर्फ 9% से 10% है. हालांकि यह काफी कम लग सकता है लेकिन यह परमाणु ऊर्जा को प्रमुख स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में से एक बनाता है. क्योंकि परमाणु ऊर्जा संयंत्र कोयला, गैस या तेल जलाए बिना बिजली का उत्पादन करते हैं इसलिए वे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करते हैं.
हाइड्रो पावर के बाद परमाणु ऊर्जा दुनिया भर में निम्न कार्बन बिजली का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत हैं. कई देशों द्वारा जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह संचालन के दौरान ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन किए बिना लगातार बिजली प्रदान करती है.
कुछ देश अपनी बिजली की जरूरत के लिए परमाणु ऊर्जा पर काफी ज्यादा निर्भर हैं. फ्रांस अपनी लगभग 67% बिजली परमाणु रिएक्टरों से उत्पन्न करता है. इसी तरह हंगरी भी अपनी लगभग 47% बिजली परमाणु ऊर्जा से प्राप्त करता है.
भारत में परमाणु ऊर्जा कुल उत्पादित बिजली का लगभग तीन प्रतिशत योगदान देती है. हालांकि यह हिस्सा काफी छोटा है लेकिन इसके बावजूद भी यह देश के पावर ग्रिड में एक जरूरी सहायक भूमिका निभाता है. भारत में फिलहाल बिजली उत्पादन के लिए कोयले का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है.
फिलहाल भारत 8880 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाले 25 परमाणु रिएक्टरों का संचालन कर रहा है. यह रिएक्टर भारी जल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हैं और महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात जैसे कई राज्यों में स्थित हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत के लगभग 1830 अरब यूनिट बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा ने 56.7 अरब यूनिट का योगदान दिया.
भारत का लक्ष्य 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना है. स्वच्छ और ज्यादा विविध ऊर्जा की जरूरत को समझते हुए भारत सरकार परमाणु ऊर्जा क्षमता का विस्तार करना चाहती है.