✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

कितने में आती है चांगथांगी बकरी, जिसकी ऊन से बनती है पश्मीना शॉल?

निधि पाल   |  20 Nov 2025 07:07 AM (IST)
1

भारत में एक चांगथांगी बकरी की औसत कीमत 10,000 रुपये से 12,000 रुपये तक होती है, लेकिन यह तो सामान्य दर है. बकरी की उम्र, ऊन की गुणवत्ता, सेहत और प्रजनन क्षमता जैसी चीजें कीमत को ऊपर-नीचे करती रहती हैं.

Continues below advertisement
2

कई बार ऊन की बेहतर गुणवत्ता के कारण कीमत इससे भी अधिक हो जाती है. स्थानीय चरवाहों के अनुसार नर बकरियों की कीमत ऊन के हिसाब से 350 से 375 रुपये प्रति किलो, जबकि मादा की कीमत 280 से 320 रुपये प्रति किलो तक रहती है.

Continues below advertisement
3

यह फर्क इसलिए है क्योंकि नर बकरियों में ऊन की मात्रा और क्वालिटी कई मामलों में बेहतर पाई जाती है. चांगथांगी बकरी सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि पहाड़ों की कठोर जिंदगी के बीच पनपा हुआ एक ऐसा खजाना है जो सिर्फ अत्यधिक ठंड में ही अपना असली पश्मीना कोट विकसित करती है.

4

यानी तापमान जितना कम, ऊन की क्वालिटी उतनी ही बेहतरीन. यही कारण है कि यह प्रजाति दुनिया में केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों, जैसे लद्दाख, चांगथांग प्लेटो और तिब्बत में ही पाई जाती है. कठोर जलवायु की वजह से इन बकरियों की देखभाल भी बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, जिससे इनकी कीमत और भी बढ़ जाती है.

5

बाजार की मांग भी कीमत को काफी प्रभावित करती है. पश्मीना शॉल दुनिया भर में बिकती हैं, और चांगथांगी ऊन की डिमांड साल-दर-साल बढ़ रही है. ऐसे में इनकी कीमतें लगातार ऊपर जाती दिखती हैं.

6

कई बार सामान्य बकरियों की कीमत जहां 7,224 रुपये प्रति क्विंटल तक होती है, वहीं चांगथांगी बकरी अपनी ऊन और प्रजातीय महत्व के कारण कहीं ज्यादा महंगी बिकती है.

7

इनकी कीमत का एक और बड़ा कारण है, सीमित उत्पादन. एक चांगथांगी बकरी साल में केवल 80-170 ग्राम तक का शुद्ध पश्मीना कोट देती है. इतना कम ऊन मिलने के कारण एक शॉल बनाने में कई महीनों से लेकर एक साल तक का समय लग सकता है. यही वजह है कि बाजार में एक प्रीमियम पश्मीना शॉल की कीमत हजारों से लेकर लाखों तक होती है.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • जनरल नॉलेज
  • कितने में आती है चांगथांगी बकरी, जिसकी ऊन से बनती है पश्मीना शॉल?
Continues below advertisement
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.