दुनिया में मौत की सजा देने के कितने तरीके, जानें कब से दी जा रही फांसी?
दुनिया में मौत की सजा देने के तरीके समय, समाज और तकनीक के साथ बदलते रहे हैं, लेकिन एक बात सच है कि किसी को मौत देना जितना आसान लगता है, उतना होता नहीं है. आज भी कई देश अपने-अपने तरीके से मृत्युदंड लागू करते हैं, जिनमें फांसी, गोली मारना, इंजेक्शन, बिजली का झटका और सिर कलम करना जैसे तरीके शामिल हैं.
सबसे आम तरीका है फांसी, जिसे एशिया और अफ्रीका के कई देशों में अब भी कानूनन लागू किया जाता है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, जापान और मलेशिया जैसे देशों में फांसी अब भी सबसे प्रमुख सजा है.
लॉन्ग ड्रॉप यानी इतनी ऊंचाई से गिराना कि कैदी का गर्दन का हिस्सा तुरंत टूट जाए, इस तकनीक को सबसे मानक माना जाता है. कई देशों में कैदी को फांसी से एक दिन पहले तौला जाता है, ताकि रस्सी की लंबाई इस तरह तय की जा सके कि मौत तुरंत हो जाए. लेकिन अगर गणना गलत हो जाए, तो सिर अलग होने जैसे भयावह हादसे तक संभव हैं.
दूसरी ओर जानलेवा इंजेक्शन, आधुनिक तरीके का मृत्युदंड कहलाता है. चीन, अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में यह तरीका खूब इस्तेमाल होता है. इसमें तीन केमिकल दिए जाते हैं, पहला बेहोशी लाता है, दूसरा शरीर को लकवाग्रस्त करता है और तीसरा दिल की धड़कन रोक देता है.
इसे क्लीन डेथ कहा जाता है, लेकिन कई बार इंजेक्शन गलत लगने या दवाओं के असर धीमे होने पर कैदी घंटों तक तड़पता रहता है. अमेरिका में एक और पुराना तरीका है इलेक्ट्रिक चेयर, यानी बिजली से मौत.
कैदी को कुर्सी पर बांधा जाता है, उसके सिर पर नम स्पंज और धातु की कैप रखी जाती है और फिर 500 से 2000 वोल्ट तक का झटका तब तक दिया जाता है जब तक डॉक्टर उसे मृत घोषित न कर दे. कई राज्यों में अब नाइट्रोजन गैस का तरीका भी लागू हुआ है, जिसमें कैदी को सिर्फ नाइट्रोजन सांस में दी जाती है और शरीर धीरे-धीरे ऑक्सीजन खोकर मर जाता है.
कुछ देश आज भी फायरिंग स्क्वॉड का इस्तेमाल करते हैं, कैदी को दीवार या खंभे से बांध कर पांच या उससे ज्यादा निशानेबाज उसके दिल की तरफ गोलियां चलाते हैं. यह तरीका इंडोनेशिया, यमन, चीन और सोमालिया में आम है. सबसे विवादित तरीका है सिर कलम करना. 2022 तक यह सिर्फ सऊदी अरब में आधिकारिक रूप से अपनाया जाता था. वहां दोषी को सार्वजनिक जगह पर तलवार से एक ही वार में मार दिया जाता है. कैदी को आंखों पर पट्टी बांधकर और सफेद कपड़ों में लाकर यह मौत दी जाती है.