कैसे चलती और रुकती है ड्राइवरलेस मेट्रो, क्या कोई रिमोट से करता है ऑपरेट?
दिल्ली मेट्रो की कई लाइनों पर ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का संचालन होता है. लेकिन सवाल ये है कि ड्राइवर लेस मेट्रो कैसे चलती और रुकती है.
ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेनों में ड्राइवरों का केबिन नहीं होता है. चालक रहित ट्रेन ऑपरेशन (डीटीओ) मोड के जरिए मेट्रो ट्रेन बिना ड्राइवर के चलती है. इस दौरान मेट्रो को कमांड सेंटरों से कंट्रोल किया जाता है. बता दें कि ड्राइवरलेस मेट्रो में कोई भी इंसानी हस्तक्षेप नहीं होता है.
ड्राइवरलेस ट्रेन संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी से ट्रेनें चलाई जाती हैं. इस दौरान ट्रेनों के उपकरणों की निगरानी रियल टाइम में की जाती है. वैसे ड्राइवरलेस ट्रेन तकनीक का एक पैरामीटर होता है. जो ग्रेड्स ऑफ़ ऑटोमेशन कहलाता है.
जीओए की फर्स्ट टेक्नोलॉजी में ट्रेन ड्राइवर चलाता है. वहीं जीओए की सेकेंड और थर्ड टेक्नोलॉजी में ड्राइवर सिर्फ गेट खोलने और इमरजेंसी हालात में ही ट्रेन चलाता है. जबकि ट्रेन रुकती ऑटोमैटिक तरीके से ही है. जीओए की फोर्थ टेक्नोलॉजी में ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड होती है.
बता दें कि ड्राइवरलेस मेट्रो रुट पूरे तरीके से ऑटोमेटेड होता है. इसके सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन रुट्स पर हर जगह कैमरा और अलार्म सिस्टम को स्थापित किया जाता है. जिससे आपातकाल स्थिति में कंट्रोल रूम बिना देरी के सीधे एक्शन ले सके.