भारत में कैसे आया आलू? जान लीजिए इसका इतिहास
आलू की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वत क्षेत्र में हुई थी, खासकर पेरू और बोलिविया में. यहां पर इसे हजारों सालों से स्थानीय लोगों द्वारा उगाया जा रहा था. प्राचीन सभ्यताओं ने आलू को एक महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत माना और इसे पृथ्वी का सोना कहा था.
वहीं 16वीं सदी में, स्पेनिश conquistadors ने आलू को दक्षिण अमेरिका से यूरोप लाया. शुरुआती दिनों में आलू को संदेह से देखा गया, लेकिन धीरे-धीरे यह यूरोप के विभिन्न हिस्सों में लोकप्रिय हो गया. आलू ने अपनी पौष्टिकता और सरलता के कारण जल्दी ही जगह बना ली.
वहीं आलू का भारत में आगमन 17वीं सदी के आसपास माना जाता है. इसे संभवतः डच और अंग्रेज़ व्यापारियों के माध्यम से लाया गया था. शुरुआत में आलू को खासतौर पर समृद्ध वर्गों के बीच ही इस्तेमाल किया जाता था.
इसके बाद 19वीं सदी में आलू की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. खासकर ये उत्तर भारत में लोकप्रिय हुआ, जहां इसे अलग-अलग व्यंजनों में शामिल किया जाने लगा. आलू के पराठे, आलू की सब्जियां और चाट जैसी डिशेज ने इसे भारतीय रसोई का एक खास हिस्सा बना दिया.
इसके बाद आलू की खेती भारत के कई राज्यों में की जाने लगी, जैसे कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब. यह एक महत्वपूर्ण नकद फसल बन गई, जिसने किसानों की आय में वृद्धि की. आलू की उच्च उत्पादकता और भंडारण की क्षमता ने इसे खासतौर पर लाभदायक बना दिया.