कैसे चुने जाते हैं एयर शो में एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले पायलट, कैसे होता है सेलेक्शन?
एयर शो में दिखने वाला हर स्टंट और हाई-स्पीड फाइटर जेट का प्रदर्शन सिर्फ कौशल की बात नहीं है. इसके पीछे सैकड़ों घंटे का अनुभव, कड़ी ट्रेनिंग और सख्त चयन प्रक्रिया छुपी होती है.
ऐसे पायलट कोई आम नहीं होते हैं. उनका चुनाव बेहद सावधानी से किया जाता है ताकि एयर शो के दौरान सुरक्षा और मनोरंजन दोनों सुनिश्चित हो सकें.
एयर शो पायलट बनने के लिए सबसे पहले देखा जाता है उनका उड़ान अनुभव. आमतौर पर ऐसे पायलटों के पास हजारों घंटे का उड़ान रिकॉर्ड होना जरूरी है. फाइटर जेट या स्टंट एयरक्राफ्ट उड़ाने के लिए विशेष सर्टिफिकेशन अनिवार्य है.
यह सुनिश्चित करता है कि पायलट तेज गति, तेजी से बदलती परिस्थितियों और जोखिम भरे हालात में भी नियंत्रण बनाए रख सके. एक्सपर्ट बताते हैं कि सिर्फ घंटे भर की उड़ान या सामान्य विमान उड़ाना पर्याप्त नहीं होता.
एयर शो पायलट को हाई-स्पीड, कॉम्बैट और मैनुअवर उड़ानों का अनुभव होना चाहिए, जिससे वे भीड़ और स्टेज के आसपास सुरक्षित प्रदर्शन कर सकें. पायलटों का चयन कई परीक्षणों के आधार पर किया जाता है. इसमें शामिल हैं स्टंट उड़ान, प्रिसिजन फ्लाइंग और इमरजेंसी मैनेजमेंट. उन्हें सिखाया जाता है कि अगर इंजन फेल हो जाए या मौसम अचानक बदल जाए, तो कैसे सुरक्षित उड़ान भरी जाए.
चयनित पायलटों को एयर शो के रूट और स्टंट रूट की भी ट्रेनिंग दी जाती है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर प्रदर्शन न केवल दर्शकों के लिए रोमांचक हो बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी हो.
पायलट की फिटनेस और मानसिक तैयारियों की जांच एयर शो से पहले की जाती है. हाई-जी मैन्यूवर में खिंचाव सहन करने के लिए हृदय और फेफड़ों की क्षमता बेहद जरूरी है. साथ ही दृष्टि, प्रतिक्रिया समय और तनाव में निर्णय लेने की क्षमता भी परखी जाती है.