आखिर कहां से आते हैं इतने सारे एस्टेरॉयड, अंतरिक्ष में कहां हैं इनका घर और पृथ्वी से टकरा गए तो क्या होगा?
एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष में चट्टानों और धातुओं के बने हुए होते हैं. ये सभी सूर्य की परिक्रमा करते हैं और कभी-कभी धरती के पास से गुजरते हैं.
कुछ एस्टेरॉयड धरती के लिए खतरा बन जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एस्टेरॉयड कैसे बने और धरती के पास आने से खतरा क्यों बन जाते हैं.
एस्टेरॉयड के निर्माण के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर मंडल के निर्माण के समय ग्रहों के बनने के वक्त बचे हुए पदार्थों से बने होते हैं. जब सौर मंडल बन रहा था उस वक्त गैस के बादल एकसाथ आकर ग्रहों का निर्माण कर रहे थे.
इस प्रक्रिया में कुछ पदार्थ ग्रहों में शामिल नहीं हो पाए और फिर अंतरिक्ष में रह गए थे. यही पदार्थ बाद में एस्टेरॉयड बन गए. इन सबके साइज और प्रकार में अंतर होता है.
एस्टेरॉयड धरती के लिए खतरा इसलिए बन सकते हैं, क्योंकि वे कभी-कभी धरती की कक्षा के पास से गुजरते हैं. अगर कोई बड़ा एस्ट्रेरॉइड धरती से टकराता है तो भारी तबाही मच सकती है.
30 जून 1908 को साइबेरिया के तुंगुस्का नदी के पास एक दूर जंगल के ऊपर आसमान में बड़ा विस्फोट हुआथा. माना जाता है कि लगभग 50 से 100 मीटर चौड़े आग के गोले ने लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर का जंगल खत्म कर दिया था.
हालांकि इस विस्फोट का कारण अभी भी रहस्य बना हुआ है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह उल्का या धूमकेतु की वजह से हो सकता है.