हॉस्पिटल में कोड ब्लैक कब होता है लागू, ये सुनते ही तुरंत हो जाएं अलर्ट
अस्पताल के कर्मचारियों को इमरजेंसी कोड जानकारी के लिए दिया जाता है, जिससे कि वे उसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर कर सकें. अलग-अलग स्थितियों और जरूरत के हिसाब से रेड कोड, ब्लू कोड जैसे टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है.
जब भी आप हॉस्पिटल के किसी कर्मचारी को कोड ब्लैक चिल्लाते हुए सुनें तो तुरंत अलर्ट मोड पर आ जाएं और समझ जाएं कि यह इमरजेंसी की स्थिति है. क्योंकि इस कोड का इस्तेमाल अस्पताल में बम होने की स्थिति में किया जाता है.
कोड ब्लैक का इस्तेमाल आमतौर पर बम की धमकी या किसी भी व्यक्ति के द्वारा हिंसा की धमकी जैसी सुरक्षा संबंधी आपात स्थिति के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
इसका मतलब होता है कि आपको हॉस्पिटल खाली करना पड़ सकता है और पुलिस को सूचित करना होगा. कोड ब्लैक का मतलब होता है कि कोई व्यक्ति खुद को या फिर दूसरों की जान को खतरे में डाल रहा है.
अगर अस्पताल में कोई मरीज हिंसक व्यवहार करने लगता है, तब भी कोड ब्लैक लागू किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाता है.
कोड का इस्तेमाल इसलिए करते हैं, क्योंकि वहां पर कुछ मरीज गंभीर परिस्थिति में भी भर्ती रहते हैं, ऐसे में उनमें पैनिक होने का खतरा होता है. ऐसे में मरीजों का तीमारदारों के बीच भगदड़ व डर का माहौल न हो, इसलिए कोड इस्तेमाल होते हैं.