कहां बनी थी दुनिया की सबसे पहली लिपस्टिक, सबसे पहले किसने लगाया था इसे होंठों पर?
बदलते बाजार में लिपिस्टिक कई तरह के शेड्स और डिजाइन में उपलब्ध है, लेकिन यह मेकअप की दुनिया में नई नहीं है. इसका इतिहास करीब 5000 साल से पुराना है.
भारतीय संस्कृति में तो लिपिस्टिक को महिलाओं के 16 श्रृंगार में शामिल किया गया है. हालांकि, इसका जिक्र कई सभ्यताओं में मिलता है. इतिहासकारों का कहना है कि सुमेरियन सभ्यता में लोग इसका उपयोग करते थे और फलों के रस और फूलों से रंग बनाकर इसे अपने होठों पर लगाते थे.
लिपिस्टिक का ठीक-ठाक जिक्र मेसोपोटामिया सभ्यता में मिलता है. कहा जाता है कि इस सभ्यता में महिलाएं अपने सौंदर्य को काफी अहम मानती थीं और बहुमूल्य रत्नों की डस्ट से लिपिस्टिक बनाती थीं, जिन्हें होठों पर सजाया जाता था.
बाजार में लिपिस्टक को लाने और इसे आम बनाने का श्रेय फ्रांसीसी परफ्यूम बनाने वाली कंपनी गुलेरियन को जाता है. इस कंपनी ने पहली बार 1884 में लिपिस्टिक को कमर्शियली बेचना शुरू किया था.
एक जिक्र यह भी मिलता है कि लिपिस्टिक को लेकर ग्रीक साम्राज्य में कानून बनाया गया था. यहां वेश्याओं को गहरे रंग की लिपिस्टिक लगानी होती थी. यह एक तरह से वेश्याओं की पहचान बन गई थी.
वहीं, डार्क लिपिस्टिक को फेमस करने का श्रेय मर्लिन मुनरो और एलिजाबेथ टेलर को जाता है. वे केवल लाल रंग की डार्क लिपिस्टिक का ही इस्तेमाल करती थीं, जिससे यह शेड सबसे ज्यादा फेमस हो गया.