ट्रेनों में हलाल मीट परोसने पर विवाद, क्या फ्लाइट में रखा जाता है इसका ध्यान?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा हुआ था कि रेलवे को NHRC की ओर से नोटिस मिला है कि ट्रेनों में केवल हलाल प्रोसेस्ड मीट का इस्तेमाल हो रहा है. NHRC ने इस मामले को मानवीय अधिकारों से जुड़ा बताते हुए रेलवे बोर्ड से दो हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है.
वहीं इसे लेकर रेलवे का कहना है कि ट्रेनों में सिर्फ हलाल सर्टिफाइड मीट परोसने का कोई नियम नहीं है. लाइसेंसी और वेंडर को FSSAI के सभी मानकों का पालन करना अनिवार्य है और आईआरसीटीसी इन्हीं नियमों के तहत कैटरिंग सेवाएं देता है.
इसके अलावा CIC में एक आरटीआई के दौरान पूछा गया कि क्या ट्रेनों में अनिवार्य रूप से हलाल मीट दिया जाता है. इसे लेकर रेलवे ने साफ किया कि हलाल मीट अनिवार्य करने वाला कोई दस्तावेज या नीति मौजूद नहीं है.
वहीं हलाल प्रमाणित भोजन पर बहस करीब 10 सालों से चल रही थी. एयर इंडिया के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई पोस्ट भी तेजी से वायरल हो रहे थे.
एयर इंडिया के अनुसार, हलाल सर्टिफाइड खाना अब केवल सऊदी सेक्टर, हज उड़ानों और जेद्दा, दमन, रियाद, मदीना जैसे रूट्स पर दिया जाएगा.
वहीं कभी हलाल फूड को मुस्लिम मील का नाम दिया गया था जिस पर विरोध हुआ. इसके बाद अब कंपनी इसे स्पेशल मील कह रही है लेकिन यह मील हलाल सर्टिफाइड ही रहेगा.