महंगे रेस्टोरेंट की प्लेट्स में कम क्यों होता है खाना? जान लीजिए पूरा लॉजिक
फाइन डाइनिंग या महंगे रेस्टोरेंट में खाने की मात्रा कम रखने का सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां खाना जल्दी जल्दी खाने के लिए नहीं, बल्कि उसके स्वाद को समझने के लिए परोसा जाता है. गेस्ट हर डिश को ध्यान से, धीरे धीरे और स्वाद लेकर खाता है.
लक्जरी और महंगे रेस्टोरेंट या होटलों में गेस्ट के सामने एक समय पर एक ही डिश रखी जाती है, क्योंकि यहां अक्सर गेस्ट के लिए करीब 4 से 8 कोर्स मील होता है. हर कोर्स में अलग अलग डिश होती है, जैसे स्टार्टर, मेन कोर्स, इसके बाद डेजर्ट और ड्रिंक भी परोसे जाते हैं. इससे गेस्ट बिना किसी परेशानी के सभी कोर्स को आराम से एन्जॉय कर पाता है.
खाने में कई सारे कोर्स होने का मतलब टेस्टिंग मेनू से होता है. यह एक खास मेनू होता है, जिसमें 5 से 15 छोटे छोटे कोर्स दिए जाते हैं. यह आइडिया फ्रेंच शब्द “डेगुस्टेशन” से आया है, जिसका मतलब होता है अलग अलग खाने को थोड़ा थोड़ा चखना.
बड़े और लक्जरी रेस्टोरेंट कभी भी खाने की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करते. वे अपने खाने में महंगी और खास सामग्री का इस्तेमाल करते हैं, जैसे बेहतरीन क्वालिटी के मसाले, फ्रेश और ताजी सब्जियां और महंगे फूड इंग्रेडिएंट्स. इसी वजह से हर बाइट में अलग स्वाद महसूस होता है.
खाने की क्वांटिटी कम होने से शेफ हर डिश को और बेहतर तरीके से बना पाता है. इससे हर डिश में अलग स्वाद आता है और कम मात्रा होने की वजह से शेफ स्वाद को सही तरह से मैनेज कर पाता है.
जब खाने की मात्रा कम होती है, तो प्लेट पर उसे सुंदर और कलात्मक तरीके से सजाना आसान होता है. फाइन डाइनिंग में शेफ हर डिश को एक कला के नमूने यानी वर्क ऑफ आर्ट की तरह तैयार करते हैं.
अगर एक प्लेट में कई सारी डिश होती हैं, तो हर एक डिश का स्वाद समझना मुश्किल हो जाता है. वहीं अगर प्लेट में कम डिश होती है, तो आप हर डिश को ध्यान से स्वाद लेकर खा सकते हैं, जिससे खाने का असली स्वाद बना रहता है.