अगर अपनी जगह से खिसक जाए हिमालय तो क्या होगा, क्या भारत में आ जाएगी तबाही?
हिमालय को पृथ्वी की छत भी कहा जाता है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे ऊंची पृर्वत श्रृंखला है. हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं में कई जीव-जन्तुओं का निवास स्थल भी है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि अगर यह हिमालय अपनी जगह से खिसक जाए या यह न हो तो क्या होगा?
हिमालय भारत की जलवायु को स्थिर रखने में अहम भूमिका निभाता है. अगर यह अपनी जगह से खिसक जाए या न हो तो उत्तर से आने वाली ठंडी हवाएं भारत को बर्फ की चादर में ढक देंगी. एक हिस्सा पूरी तरह वीरान हो जाएगा. इन हवाओं को रोककर हिमालय भारत को एक गर्म जलवायु वाला उपजाऊ देश बनाता है.
हिमालय पर्वत पानी बरसाने वाले बादलों को भी रोकता है. अगर हिमालय नहीं होगा तो मानसून की दिशा बदल जाएगी, जिससे यहां वर्षा की मात्रा और वितरण प्रभावित हो जाएगा. इससे उत्तर भारत का एक हिस्सा समूचे रेगिस्तान में भी परिवर्तित हो सकता है.
भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख नदियों-गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सतलज का मुख्य श्रोत हिमालय के ग्लेशियर ही हैं. ग्लेशियर पिघलकर इन नदियों की प्यास बुझाते हैं. अगर ये न हों तो नदियों के जलस्तर में भारी कमी हो सकती है. इससे सिंचाई, पेयजल, बिजली उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है.
हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं में कई वनस्पतियां और जीव पनपते हैं. यहां के वन क्षेत्र इन वनस्पतियों और जीवों का मुख्य आश्रय स्थल भी हैं. हिमालय के खत्म होने से ये वनस्पतियां और जीव विलुप्त हो जाएंगे, जिससे जैव विविधता को भी नुकसान होगा.
हिमालय के बिना भूगर्भीय प्रक्रियाओं में भी बदलाव हो सकता है. इसके अपनी जगह से खिसकने या न होने से भूकंपीय गतिविधियां अधिक हो सकती हैं. इसके अलावा भारत की सीमाई सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है.