इस्लाम में शराब पीना है हराम, फिर यह मुस्लिम देश भारी मात्रा में क्यों खरीदता है एल्कोहल?
UAE, खासकर दुबई और अबू धाबी दुनिया के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं. यहां हर साल लाखों विदेशी पर्यटक आते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में गैर-मुस्लिम लोग शामिल होते हैं. यहां लोग घूमने और मौज मस्ती करने के लिए आते हैं.
UAE में शराब का व्यापार और आयात एक महत्वपूर्ण बिजनेस है. रिपोर्ट्स की मानें तो 2023 में, UAE ने लगभग 729 मिलियन डॉलर की हार्ड लिकर (शराब) का आयात किया, जिससे वह दुनिया का 15वां सबसे बड़ा शराब आयातक देश बन गया था.
इसके अलावा UAE ने एथिल अल्कोहल और अन्य डिनेटर्ड स्पिरिट्स का लगभग 96 डॉलर मिलियन मूल्य का इंपोर्ट किया था. ये आंकड़े बताते हैं कि शराब का व्यापार UAE की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.
UAE में शराब की बिक्री और सेवन के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है. 2023 में, दुबई ने शराब की बिक्री पर 30% टैक्स को खत्म कर दिया और शराब लाइसेंस की फीस को मुफ्त कर दिया, जिससे पर्यटन और स्थानीय लोगों के लिए शराब की उपलब्धता बढ़ी है.
UAE में मुस्लिम नागरिकों के लिए शराब का सेवन हराम है, लेकिन गैर-मुस्लिम निवासियों और पर्यटकों के लिए नियंत्रित तरीके से शराब उपलब्ध की जाती है. यह नीति UAE की धार्मिक संवेदनाओं का सम्मान करते हुए व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करती है.
शराब उद्योग UAE की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि दुबई ड्यूटी फ्री ने पिछले साल करीब 6 मिलियन बियर के कैन, 3.8 मिलियन शराब की बोतलें और 2.3 मिलियन व्हिस्की की बोतलें बेचीं.
इसके अलावा UAE में पहली बार एक ब्रूवरी खोली गई है, जो स्थानीय स्तर पर शराब उत्पादन को बढ़ावा देती है.