क्या आपको भी हवाई जहाज में टेस्टी नहीं लगता है खाना?, जानिए इसके पीछे की वजह
बता दें कि कई रिसर्च में एक बात पर सहमति जताई गई है कि हवा में ऊंचाई पर पहुंचने के बाद हमारी टेस्ट बड्स पर अलग तरह का प्रभाव होता है. ये प्रभाव ना सिर्फ स्वाद पर बल्कि, सूंघने और देखने की क्षमता पर भी होता है. वहीं ये सारी चीज़ें मिलकर हमारे खाने के फ्लेवर को हमारी सेंस तक पहुंचाती हैं, इसलिए इसमें बदलाव मालूम पड़ने लगता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक ये आपकी सेंसेज़ पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि आपको खाना भी अच्छा और स्वादिष्ट नहीं लगता है. इसमें गलती सिर्फ खाने की नहीं बल्कि परिस्थितियों की भी होती है.
डॉक्टर रॉबर्ट के मुताबिक उड़ान के दौरान केबिन में लो एयर प्रेशर होता है, वहीं नमी की कमी होती है और नॉइज़ लेवल हाई होता है. ये हमारी सूंघने की क्षमता को प्रभावित करता है. बिना पर्याप्त नमी के हम सूंघ नहीं सकते हैं.
हम सभी ये बात जानते हैं कि सूंघना और स्वाद लेना एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, ऐसे में हमें खाना भी उस तरह टेस्टी नहीं लगता, जैसा घर में लगता है.
कई रिसर्च में बताया गया कि 30 हज़ार फीट की ऊंचाई पर हम मीठा, नमकीन और तीखा 20 से 30 फीसदी कम समझ पाते हैं. वहीं उमामी टेस्ट यानि मोनोसोडियम ग्लूटामेट ज्यादा पता चलता है. ऐसे में पनीर, मशरूम, चीज़, टमाटर, मीट या सीफूड्स खाने पर इनका स्वाद अच्छा लग सकता है.